निठारी कांड का जिक्र आते ही बैरक में चुप्पी साथ लेता था कोली, सिर्फ अपने वकील से ही करता था बात
निठारी कांड के दोषी सुरेन्द्र कोली ने 19 साल जेल में बिताए और चुप्पी साधे रखी। लुक्सर जेल में वह अन्य कैदियों के साथ सामान्य व्यवहार करता था। परिवार और वकील ही उससे मिलने आते थे, और वह निठारी कांड पर बात करने से बचता था। रिहाई के आदेश पर भी उसकी प्रतिक्रिया सामान्य थी।

अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा। बहुचर्चित निठारी कांड को लेकर सुरेंद्र कोली ने अपने होंठ पूरी तरह सी रखे थे। 19 साल से जेल में बंद सुरेंद्र कोली आठ सितंबर 2024 से चार महीने चार दिन तक लुक्सर स्थित जिला जेल में बंद रहा।
वह जेल की बैरक नंबर वन ई में 35 कैदियों के साथ बंद था। पिछले 14 महीने के अंतराल में उससे उसका बेटा, पत्नी, भाई व वकील ही दिलासा देने पहुंचते थे। पत्नी व बेटे हर तीन चार महीने में एक बार ही मिलने आते थे।
निठारी कांड को लेकर वह सिर्फ अपने वकील से ही बातचीत करता था। 35 कैदियों में उसकी आठ कैदियों के साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी। उन्हीं के साथ उठता बैठता व खाता-पीता था।
जेल में मिलने वाली सामग्री के साथ वह दोस्त कैदियों के कपड़े समेत अन्य सामग्री इस्तेमाल करता था। बहुचर्चित निठारी कांड को लेकर
कैदी साथियों के मन में जानने की जिज्ञासा रहती, लेकिन इस पर चर्चा शुरू होते ही वह पूरी तरह चुप्पी साध लेता था।
हालांकि कैदी साथियों के साथ वह तमाम तरह की चर्चा करता था। जेल प्रशासन ने भी कई बार निठारी कांड की सच्चाई जानने की कोशिश की, लेकिन इस बारे में वह हमेशा चुप्पी साधे रहा।
जेल प्रशासन की माने तो रिहाई का आदेश पता चलने के बाद भी उसके चेहरे पर हाव-भाव बिल्कुल नहीं बदले। रोजाना की तरह ही जेल परिसर में मिलने वाला खाना अपने साथियों से साथ खाया। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने बताया कि जेल परिसर में उसकी स्थिति बिल्कुल सामान्य रही।

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