ईंट भट्टों को मिला 30 जून तक का समय
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जिले में संचालित ईट भट्ठों में जिग-जैग तकनीक अपनाने के लिए संचालक
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जिले में संचालित ईट भट्ठों में जिग-जैग तकनीक अपनाने के लिए संचालकों को तीस जून तक का समय दिया गया है। इससे पहले भी यूपीपीसीबी द्वारा संचालकों को पर्यावरणीय मानकों को पूरा करने के लिए कई बार समय दिया जा चुका है, लेकिन तमाम संचालकों द्वारा आदेशों को धता बताते हुए मनमाने तरीके से ईंट भट्ठों में कार्य जारी रहा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अपर अधिशाषी अभियंता उत्सव शर्मा के मुताबिक 30 जून के बाद जिन ईंट भट्ठों को पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त होगी, उनमें ही कार्य का संचालन हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि जिले में मौजूद 160 ईट भट्ठों में से इस समय 82 में कार्य चल रहा है। इसमें से 46 ईंट भट्ठा संचालकों ने शपथ पत्र देकर जिग-जैग तकनीक अपनाने व पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त होने के बाद कार्य शुरू करने की बात कही है। बता दें कि मानकों को पूरा न करने के चलते पिछले वर्ष 48 ईंट भट्ठों के खिलाफ बंदी आदेश जारी किया गया था। क्या है जिग-जैग तकनीक : वातावरण में दिनोंदिन बढ़ रहे प्रदूषण पर संज्ञान लेते हुए पिछले वर्ष एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने ईट भट्ठों को भी प्रदूषण का प्रमुख कारक माना था। इसको देखते हुए दिल्ली एनसीआर के ईंट भट्ठा संचालकों को भट्ठों में जिग-जैग तकनीक अपनाने का आदेश दिया था। इसके तहत मुख्य रूप से भट्ठों को रेक्टेंगल आकार में बनाया जाना था और इनकी चिमनी में इंडस ड्राफ्ट फैन लगाए जाने थे।