उपचार के बाद घर पर हो सकेंगे क्वारंटाइन
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में कोरोना संक्रमितों के उपचार में लगे मेडिकल स्टाफ को अब क्वारंटाइन में नहीं रहना पड़ेगा। पहले मेडिकल स्टाफ को उपचार के बाद छात्रावास व होटल में क्वारंटाइन रहना पड़ता था। अब सात दिन उपचार की अवधि पूरी होने के बाद स्टाफ की कोरोना जांच होगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर घर भेज दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में कोरोना संक्रमितों के उपचार में लगे मेडिकल स्टाफ को अब क्वारंटाइन में नहीं रहना पड़ेगा। पहले मेडिकल स्टाफ को उपचार के बाद छात्रावास व होटल में क्वारंटाइन रहना पड़ता था। अब सात दिन उपचार की अवधि पूरी होने के बाद स्टाफ की कोरोना जांच होगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर घर भेज दिया जाएगा।
जिम्स को लेवल-2 श्रेणी का कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां के आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों के इलाज में लगे स्टाफ उपचार के दौरान सात दिन के लिए एक्टिव क्वारंटाइन में रहते थे। उपचार की अवधि पूरी होने के बाद 14 दिन के लिए पैसिव क्वारंटाइन में रहना पड़ता था। इसके बाद ही मेडिकल स्टाफ घर जा सकते थे। अब मेडिकल कर्मी एक्टिव क्वारंटाइन में रहने के बाद घर जा सकेंगे। मरीजों के उपचार के लिए अगले 14 दिनों तक दूसरी टीम को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिम्स को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की यह नई गाइडलाइन चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई हैं। पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, सात दिन तक एक्टिव क्वारंटाइन और 14 दिन तक पैसिव क्वारंटाइन में रहना होता था। सात दिन जिम्स के परिसर में ही रहना होता था। इसके बाद 14 दिन गेस्ट हाउस, होटल आदि में रहने की व्यवस्था की जाती थी। नए परिवर्तन से सरकार को भी बड़ी राहत मिलेगी। इसके लिए होटलों को बड़ी रकम सरकार को देनी पड़ती थी।