YEIDA: अब फ्लैट खरीदारों को नहीं होगी ये टेंशन, प्राधिकरण उठाएगा बड़ी जिम्मेदारी; बिल्डर नहीं कर सकेंगे मनमानी
YEIDA Flats Scheme ग्रेटर नोएडा में मकान खरीदने वालों को अब बिल्डरों की मनमानी नहीं झेलनी पड़ेगी। खरीदारों को समय पर घर का मालिकाना हक दिलाने में प्राधिकरण भी जिम्मेदारी उठाएगा। बताया गया कि बिल्डर के परियोजना पूरी न करने पर प्राधिकरण उसकी आवंटित संपत्ति को जब्त कर परियोजना को पूरा कराकर खरीदारों काे घर पर कब्जा दिलाएगा। पढ़िए पूरा अपडेट।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। YEIDA बिल्डर परियोजना में खरीदार को घर पर समय से कब्जा दिलाने की जिम्मेदारी प्राधिकरण भी उठाएगा। 10 प्रतिशत पंजीकरण राशि के साथ एग्रीमेंट टू सेल के रूप में पांच प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के भुगतान के साथ प्राधिकरण की जिम्मेदारी तय हो जाएगी।
YEIDA Flats Scheme बिल्डर के परियोजना पूरी न करने पर प्राधिकरण उसकी आवंटित संपत्ति को जब्त कर परियोजना को पूरा कराकर खरीदारों काे घर पर कब्जा देगा। एग्रीमेंट टू सेल में बिल्डर के साथ घर खरीदार और प्राधिकरण तीनों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर होंगे।
5% स्टांप शुल्क के साथ एग्रीमेंट टू सेल करना होगा
बिल्डर बायर विवाद को विराम देने के लिए यमुना प्राधिकरण ने नियम में बदलाव कर दिया है। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर होने वाले बिल्डर बायर एग्रीमेंट की जगह पांच प्रतिशत स्टांप शुल्क के साथ एग्रीमेंट टू सेल करना होगा। इसमें बिल्डर, घर खरीदार और प्राधिकरण प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होंगे।
इसके साथ ही खरीदारों काे बिल्डर परियोजना मालिकाना हक मिल जाएगा। बिल्डर परियोजना में घर खरीदारों की जानकारी प्राधिकरण के पास मौजूद होगी। बिल्डर परियोजना में खरीदारों में कोई बदलाव नहीं कर पाएगा।
लगातार सामने आ रहे बिल्डर बायर विवाद
बिल्डर बायर विवाद लगातार सामने आ रहे हैं। परियोजना में बुकिंग कराने पर बिल्डर और खरीदार सौ रुपये के स्टांप पेपर में एग्रीमेंट कर लेते हैं। इसकी कानूनी वैधता न होने के कारण बिल्डर एग्रीमेंट की शर्तों को मानने से अक्सर मुकर जाता है।
संपत्ति की कीमत बढ़ने पर पहले की बुकिंग को निरस्त कर दूसरे खरीदार को बेच देता है। इसके अतिरिक्त एग्रीमेंट की शर्तों के मुताबिक खरीदार को सुविधाएं नहीं दी जाती हैं।
बिल्डर खरीदार और प्राधिकरण के बीच होगा एग्रीमेंट
इन विवादों के कारण प्राधिकरण, प्रशासन से लेकर पुलिस में लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। इसके स्थाई हल के लिए यमुना प्राधिकरण ने यह नियम लागू किया है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि 10 प्रतिशत पंजीकरण राशि के साथ पांच प्रतिशत स्टांप ड्यटी देकर एग्रीमेंट टू सेल करना होगा। बिल्डर खरीदार और प्राधिकरण के बीच यह एग्रीमेंट होगा।
परियोजना में बुकिंग कराने वाले का मालिकाना हक हो जाएगा। प्राधिकरण बिल्डर परियोजना में बुकिंग व एग्रीमेंट की शर्त में कोई बदलाव नहीं कर पाएगा।
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क्या बोले जिलाधिकारी
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि स्टांप शुल्क के साथ एग्रीमेंट टू सेल कराने से घर खरीदारों के हित सुरक्षित होंगे। बिल्डर परियोजना पूरी नहीं करेगा तो परियोजना की शेष जमीन को कुर्क कर लिया जाएगा। उसे बेचकर रकम जुटाई जाएगी, इस रकम से परियोजना को पूरा कराकर घर खरीदारों को कब्जा दिया जाएगा।
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