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Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस वे पर फास्टैग के लिए सोमवार को होगा एमओयू, 108 करोड़ रुपये का वर्क आर्डर जारी

Yamuna Expressway यमुना एक्सप्रेस-वे पर फास्टैग के लिए सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। एमओयू जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड आइडीबीआइ बैंक व यमुना प्राधिकरण के बीच होगा। एक्सप्रेस-वे पर आइआइटी दिल्ली के सुरक्षा उपायों को लागू कराने के लिए 108 करोड़ रुपये का वर्क आर्डर जारी कर दिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 12:24 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 12:24 PM (IST)
Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस वे पर फास्टैग के लिए सोमवार को होगा एमओयू, 108 करोड़ रुपये का वर्क आर्डर जारी
इस माह के अंत या अप्रैल में एक्सप्रेस वे पर फास्टैग सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस-वे पर फास्टैग के लिए सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। एमओयू जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, आइडीबीआइ बैंक व यमुना प्राधिकरण के बीच होगा। एक्सप्रेस-वे पर आइआइटी दिल्ली के सुरक्षा उपायों को लागू कराने के लिए 108 करोड़ रुपये का वर्क आर्डर जारी कर दिया है।

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देश भर के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग लागू हो चुका है, लेकिन यमुना एक्सप्रेस वे पर अभी तक इसकी सुविधा नहीं है। इस वजह से 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे पर चालकों को सफर में अधिक समय लगता है। एक्सप्रेस वे के तीनों टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति पैदा होती है। यमुना प्राधिकरण ने इस समस्या के समाधान के लिए फास्टैग लगाने के जेपी इंफ्राटेक को निर्देश दिए थे। इसके लिए सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे।

इस माह के अंत या अप्रैल में एक्सप्रेस वे पर फास्टैग सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। वहीं एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए आइआइटी दिल्ली के सुझावों पर भी काम शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। जीआर इंफ्रा को कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एक्सप्रेस वे पर ग्रेटर नोएडा से आगरा तक दोनों सड़कों के बीच के स्थान पर क्रैश बीम बैरियर लगाए जाएंगे। अनियंत्रित होने पर कोई भी वाहन दूसरी ओर की सड़क पर नहीं जा सकेगा।

मौजूदा समय में एक्सप्रेस वे पर होने वाले हादसों की यह बड़ी वजह है। इसके अलावा एक्सप्रेस वे पर रंबल स्टि्रप, स्पीड गन, साइनेज आदि भी बढ़ाने का सुझाव आइआइटी ने दिया था। इन्हें भी लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एक्सप्रेस वे पर हादसे में सात लोगों की मौत के बाद प्राधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक, इंसॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (ईआरपी) व निगरानी समिति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने ईआरपी को छोड़ा था। 


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