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Yamuna Expressway: टोल वसूली के लिए कंपनी ने मांगा 20 साल का और समय, पूरी होगी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की प्रक्रिया

Yamuna Expressway जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में सुरक्षा यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली के लिए मांगा 20 साल का अतिरिक्त समय।

By Dharmendra KumarEdited By: Vinay Kumar TiwariPublished: Thu, 29 Sep 2022 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 07:58 PM (IST)
Yamuna Expressway: टोल वसूली के लिए कंपनी ने मांगा 20 साल का और समय, पूरी होगी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की प्रक्रिया
Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली के लिए मांगा 20 साल का अतिरिक्त समय

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। Yamuna Expressway: जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में सुरक्षा कंपनी के प्लान पर यमुना प्राधिकरण की बहस पूरी हो चुकी है। यमुना प्राधिकरण ने जेपी इंफ्राटेक से प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा की मांग रखी है। जेपी एसोसिएट्स की ओर से अभी बहस जारी है। एनसीएलटी इस मामले में प्रतिदिन सुनवाई कर रहा है।

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ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण एवं संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। सुरक्षा कंपनी इसका अधिग्रहण करने जा रही है। 2017 में शुरू हुई यह प्रकिया जल्द पूरी होने की उम्मीद है। सुरक्षा कंपनी की ओर से एनसीएलटी में प्लान दिया गया है, उस पर बहस जारी है।

प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली की अवधि को 20 साल के लिए बढ़ाने, वाह्य विकास शुल्क, लीज रेंट से छूट व विभिन्न प्राधिकरण क्षेत्र में जो फ्लोर एरिया रेश्यो मान्य है, उसे देने की मांग रखी है। यमुना प्राधिकरण की ओर से किसानों को अतिरिक्त मुआवजा राशि को लेकर एनसीएलटी के सामने आपत्ति दर्ज कराई है।

दरअसल यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के एवज में जेपी इंफ्राटेक को 36 साल के लिए टोल वसूली का अधिकार व 500-500 हेक्टेयर के पांच लैंड फार डेवलपमेंट (लैंड पार्सल) भी दिए गए थे। ये लैंड पार्सल नोएडा, गौतमबुद्ध नगर में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो व टप्पल एवं आगरा में हैं। नोएडा एलएफडी में आवासीय योजना है। इसमें 42 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हैं। कई वर्ष बीतने के बाद भी परियोजना का काम पूरा न होने से उन्हें फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल सका है।

जेपी इंफ्राटेक को दी गई जमीन से प्रभावित करीब 1700 खसरे हैं। इसमें किसानों की संख्या हजारों में है। ये किसान यमुना प्राधिकरण से 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं। शासनादेश के मुताबिक यह रकम आवंटी को देनी है। जेपी इंफ्राटेक की याचिका पर आर्बिट्रेशन ने सुनवाई की ओर दो-एक के बहुमत से जेपी इंफ्राटेक के पक्ष में फैसला हुआ, लेकिन यमुना प्राधिकरण इसके खिलाफ जनपद न्यायालय में चला गया। वहां 11 नवंबर को सुनवाई होनी है। जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द पूरी होने से फ्लैट खरीदारों के साथ किसानों का इंतजार भी समाप्त हो सकता है।


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