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जेवर एयरपोर्ट के साथ लाॅजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग का बड़ा केंद्र होगा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र

एनसीआर में यह सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब होगा। इसे 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित करने की योजना है। जेवर एयरपोर्ट से लेकर बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन तक वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक हब का विस्तार होगा। इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंंगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 05:50 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:50 PM (IST)
जेवर एयरपोर्ट के साथ लाॅजिस्टिक एवं वेयरहाउसिंग का बड़ा केंद्र होगा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र
उत्‍तर प्रदेश के यमुना प्राधिकरण को दर्शाती प्रतिकात्‍मक फोटो।

ग्रेटर नोएडा, अरविंद मिश्रा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक का हब बनेगा। प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 में इसे शामिल किया जाएगा। एनसीआर में यह सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब होगा। इसे 12 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित करने की योजना है। जेवर एयरपोर्ट से लेकर बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन तक वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक हब का विस्तार होगा।

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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से होगा फायदा

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर यमुना प्राधिकरण क्षेत्र विकास की उड़ान भर रहा है। प्राधिकरण का जोर उन औद्योगिक गतिविधियों पर अधिक है, जिनके जरिये पड़े पैमाने पर निवेश जुटाया जा सके। लॉजिस्टिक व वेयरहाउसिंग इसी में शामिल है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद प्राधिकरण क्षेत्र में इसकी सबसे अधिक जरूरत होगी। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने प्लानिंग करना भी शुरू कर दिया है।

प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 तैयार कर रहा

प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 तैयार कर रहा है। इसमें वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक हब को पर खास फोकस होगा। प्राधिकरण गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर के गांवों को इसके लिए मास्टर प्लान में शामिल करेगा। इन गांवों से प्राधिकरण को करीब 12 हजार हेक्टेयर जमीन मिलेगी। यह क्षेत्र जेवर एयरपोर्ट से शुरू होकर बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन तक फैला होगा। इससे हवाई के साथ रेलवे कनेक्टिविटी भी मिल जाएगी। फिलहाल यह गांव अधिसूचित क्षेत्र में शामिल हैं।

एयरपोर्ट यात्रियों के साथ साथ कार्गो का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा

जेवर इंटरेनशनल एयरपोर्ट यात्रियों के साथ साथ कार्गो का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। एयरपोर्ट के लिए कराई गई स्टडी के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट को सबसे अधिक कार्गो गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर से मिलता है। जेवर एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू होने के बाद यह कार्गो इसे मिल सकता है। इसके साथ ही विदेशों से आने वाला सामान भी जेवर एयरपोर्ट पहुंचेगा। इसलिए लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउसिंग के लिए असीम संभावनाएं हैं।

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