दशलक्षण महापर्व के तीसरे दिन की उत्तम आर्जव धर्म की आराधना
दिगंबर जैन समाज के दशलक्षण महापर्व के तीसरे दिन मंगलवार को जैन धर्मावलंबियों ने उत्तम आर्जव धर्म की उपासना की।
नोएडा [पारुल रांझा]। दिगंबर जैन समाज के दशलक्षण महापर्व के तीसरे दिन मंगलवार को जैन धर्मावलंबियों ने उत्तम आर्जव धर्म की उपासना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने विश्व शांति के लिए मंगल कामना की। हालांकि, कोरोना के चलते कोई भी सामूहिक आयोजन नहीं किया गया। मंदिरों में सीमित समय के लिए ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। शहर के जैन मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु अभिषेक के लिए पहुंचने लगे थे। जैन समाज ने पूरे दिन विधि विधान के साथ उत्तम आर्जव धर्म का पालन किया।
चौथे दिन उत्तम शौच धर्म की होगी पूजा
सेक्टर-27 स्थित जैन मंदिर में अभिषेक व आरती की गई। भक्तों ने अपने-अपने संकल्प लेकर व्रत रखा। मंदिर समिति के अध्यक्ष पवन जैन ने बताया कि मन वचन और कर्म की सरल वृत्ति ही आर्जव धर्म कहलाता है। यह पर्व विचारों की शुद्धता से व्यवहार शुद्धता का पाठ पढ़ाता है।
शुद्ध मन से परमात्मा का हमेशा शुक्रिया मानना चाहिए
आर्जव धर्म निष्कपट होने की प्रेरणा देता है। उन्होंने बताया कि पर्युषण पर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म उपदेश का पालन किया जाएगा। यह हमें सिखाता है कि शुद्ध मन से जितना मिला है उसी में खुश रह कर परमात्मा का हमेशा शुक्रिया मानना चाहिए। वहीं, सेक्टर-50 स्थित जैन मंदिर में किसी को भी परिसर में बैठकर पूजा करने की अनुमति नहीं थी। परिसर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भगवान का अभिषेक किया गया। भक्तों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक शुद्धता का संदेश दिया गया।
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