Supertech Emerald Case: विजिलेंस जांच हुई तेज, प्राधिकरण के कई अधिकारियों को लखनऊ बुलाया गया
विजिलेंस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए प्राधिकरण वर्तमान अधिकारियों को फाइलों के साथ लखनऊ बुलाया है। यहां एसआइटी की रिपोर्ट के अनुसार फाइलों का सत्यापन कराया जाएगा और जांच आगे बढ़ेगी। उस दौरान कई ऐसी योजनाएं बनी जिनके निर्माण में बड़ा घोटाला किया गया।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। सुपरटेक एमराल्ड के दाेनों टावर एपेक्स सियान मामले में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) की जांच में दोषी 26 अधिकारियों समेत 30 के खिलाफ विजिलेंस टीम ने जांच शुरू कर दी है। शासन के निर्देश पर प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने 30 लोगों के खिलाफ लखनऊ विजिलेंस में मुकदमा दर्ज कराया था। नियोजन विभाग के चार अधिकारियों को शासन ने पहले ही निलंबित कर दिया है।
बता दें कि सुपरटेक दोनों टावर प्रकरण में विजिलेंस टीम ने प्राधिकरण में दस्तक दे दी है। टीम ने प्राधिकरण से 2009 से 2012 की सभी फाइलों को मंगवाया है। इसमें सर्किल और ग्रुप हाउसिंग, उद्यान विभाग की फाइल है। जब इस ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन किया था, उस समय प्राधिकरण में सर्किल न होकर सीसीडी हुआ करता था। इस क्रम में विजिलेंस ने सीसीडी-2 और सीसीडी-5 की फाइलें मांगी है। जिनकी जांच की जाएगी। जांच शुरू होने के बाद अब कयास लगाया जा रहा है कि कई और अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। प्रकरण में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच भी की जा सकती है।
विजिलेंस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए प्राधिकरण वर्तमान अधिकारियों को फाइलों के साथ लखनऊ बुलाया है। यहां एसआइटी की रिपोर्ट के अनुसार फाइलों का सत्यापन कराया जाएगा और जांच आगे बढ़ेगी। उस दौरान कई ऐसी योजनाएं बनी, जिनके निर्माण में बड़ा घोटाला किया गया। यह भी अवगत करा दे कि सीएजी (कैग) की जांच में भी करीब 30 हजार करोड़ रुपये के घोटालों की बात सामने आई थी। जिसकी जांच की जा रही है।
विजिलेंस विभाग ने मांगे अधिकारियों के नाम
सुपरटेक एमराल्ड के अलावा 2009 से 2012 तक सीसीडी-2 और सीसीडी-5 में तैनात सभी अधिकारियों की सूची भी विजिलेंस ने मांगी है। सूची में प्राधिकरण को नाम के साथ उनका पद और प्राधिकरण में कार्यक्षेत्र की जानकारी भी उन्हें देनी है।