NGT के नियमों का उल्लंघन निजी कंपनी पर पड़ा भारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया 50 लाख का फाइन
निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण फैलाने पर बोर्ड ने एएल सॉफ्टवेब प्राइवेट लिमिटेड पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि बोर्ड द्वारा लगाई गई अब तक की सबसे बड़ी जुर्माना राशि है।
ग्रेटर नोएडा [चंद्रशेखर वर्मा]। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन करने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने बड़ी कार्रवाई की है। निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण फैलाने पर बोर्ड ने एएल सॉफ्टवेब प्राइवेट लिमिटेड पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि बोर्ड द्वारा लगाई गई, अब तक की सबसे बड़ी जुर्माना राशि है। कंपनी का टेकजॉन-4 मेंं आइटी प्रोजेक्ट चल रहा है। निरीक्षण के दौरान काफी अनियमितताएं पाई गईं थीं। बोर्ड ने जुर्माने की राशि वसूलने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखा है। प्राधिकरण की तरफ से भी नौ बिल्डर्स व डेवलपर्स और एनपीसीएल पर कुल 47 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. अर्चना द्विवेदी ने बताया कि प्रदूषण का स्तर लगातार बहुत खराब स्तर पर बना हुआ है। इसको देखते हुए बोर्ड और प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने टेकजॉन स्थित एएल सॉफ्टवेब प्राइवेट लिमिटेड के आइटी प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया था। यहां परिसर में निर्माण कार्य होता हुआ पाया गया। मिट्टी खुदाई के साथ प्रदूषण पैदा करने वाले तत्व रखे हुए थे। एंटी स्मॉग गन की व्यवस्था नहीं थी। पानी का छिड़काव नहीं किया गया था। निर्माण सामग्री को ढका नहीं गया था। विंड स्क्रीन की कोई व्यवस्था नहीं थी। निर्माण कार्य में भूजल का उपयोग होता हुआ पाया गया। निर्माण कार्य के लिए बोर्ड से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया था। ऐसे में कंपनी पर 50 लाख रुपये जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई।
वहीं, प्राधिकरण ने भी कार्रवाई करते हुए नौ बिल्डर्स व डेवलपर्स पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इनमें जीएल इंफ्रास्ट्रक्चर, आम्रपाली स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड, एआइएमएस गोल्फ टाउन प्राइवेट लिमिटेड, पीकेएस बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, गुलशन होम्स प्राइवेट लिमिटेड, अजनारा रियल टेक लिमिटेड, जेकेजी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, रूद्रा बिल्डटेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और रतन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड प्रत्येक पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इन पर यह कार्रवाई एनजीटी का पालन न करने, वायु प्रदूषण बढ़ाने, ग्रीन कवरिंग न लगाने, एंटी स्मॉग गन न लगाने, साइट पर धूल उड़ने आदि पर लगाया गया है. वहीं, एनजीटी के नियमों का पालन न करने पर बिजली वितरण कंपनी एनपीसीएल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
डीएफसीसी को लिया नोटिस
वहीं, डेडीकेटेड फ्रंट कॉरीडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसी) द्वारा निर्माण कार्य के दौरान धूल व प्रदूषण फैलाने पर उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने नोटिस दिया है। यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार दिए गए नोटिस में निर्देश दिया गया है कि कार्य स्थल पर रखे गए निर्माण सामग्री को ढककर रखा जाए। पानी का नियमित छिडकाव किया जाए। स्मॉग गन स्थापित किया जाए। बता दें कि यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्र सूरजपुर के साइट-बी व सी में डीएफसीसी के कुछ हिस्से का निर्माण कार्य चल रहा है।
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