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गांवों के विकास से मिलेगी गाजीपुर को पहचान : मनोज सिन्हा

मंदिर-मस्जिद में जाने से अच्छा है कि पैतृक गांव में स्वास्थ्य व शिक्षा पर पैसे खर्च करिए। इस दौरान उन्होंने पैतृक गांव से दूर और सालों-साल न जाने वाले लोगों को नॉन रेजिडेंट विलेजर नाम दिया।

By Edited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 07:51 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 09:37 PM (IST)
गांवों के विकास से मिलेगी गाजीपुर को पहचान : मनोज सिन्हा
गांवों के विकास से मिलेगी गाजीपुर को पहचान : मनोज सिन्हा

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर 62 स्थित एक्सपो सेंटर में रविवार को आयोजित गाजीपुर समागम' में केंद्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने दिल्ली एनसीआर में रह रहे गाजीपुर के लोगों के सामने विकास का खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गाजीपुर अब बदल रहा है। 2014 के बाद जिले में काफी बदलाव आया है। साढ़े चार साल में किए कार्यों का ब्योरा रखते हुए उन्होंने लोगों को भाजपा से जुड़ने की अपील की। उन्होंने जिले को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए गाजीपुर के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया। साथ ही अपील की वह अपने गावों से जुड़े रहें और वहां विकास को पंख लगाने के लिए सदैव तत्पर रहें। साल में कम से कम दो बार घर जाइए और गरीब की मदद करिए। मंदिर-मस्जिद में जाने से अच्छा है कि पैतृक गांव में स्वास्थ्य व शिक्षा पर पैसे खर्च करिए। इस दौरान उन्होंने पैतृक गांव से दूर और सालों-साल न जाने वाले लोगों को नॉन रेजिडेंट विलेजर नाम दिया।

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 स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट विलेज पर भी कार्य शुरू

केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट विलेज पर काम करने की जरूरत है। गाजीपुर के सरइयां गांव में उन्होंने यह प्रयोग किया है। यहां 10वीं तक बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा और वीडियो के जरिए ट्यूशन दिया जा रहा है। इस स्मार्ट विलेज से आसपास के 20 गांव के युवा को काफी लाभ मिल रहा है। इस गांव में चिकित्सा का इंतजाम भी है। विभिन्न तरह की स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं के साथ 300 डॉक्टरों का पैनल भी है। इन डॉक्टरों से समय लेकर ग्रामीण इलाज करा सकते हैं। इसी तरह के स्मार्ट विलेज पर काम चल रहा है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों को जनप्रतिनिधि गोद ले रहे हैं। ऐसे 100 सरकारी स्कूलों में शिक्षा व स्वच्छता संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही ई-एजूकेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

गाजीपुर के विकास पर हजारों करोड़ हो रहे खर्च

केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश को उपेक्षा से बाहर निकालने के लिए कार्य तेजी से चल रहा है। गोरखपुर में एम्स और यूरिया संयंत्र बन कर लगभग तैयार है। वाराणसी में भी दिल्ली जैसा एम्स बनाया जा रहा है। यहां पूर्वी यूपी, पश्चिमी बिहार और मध्यप्रदेश के करीब 13-14 करोड़ लोगों को लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा के साथ कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए गोरखपुर से इलाहाबाद के बीच करीब 88 हजार करोड़ रुपये की लागत से रेल और सड़क मार्ग की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।

डेमू-मेमू ट्रेनों का औड़िहार में रख रखाव, टॉवर वैगन की दुल्लहपुर में वर्कशॉप और गाजीपुर में कार्गाे सेंटर से लोगों को रोजगार मिल सकेगा। आगामी 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री जिले में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रख सकते हैं। कार्यक्रम में मोहम्मद सलाम, अरशत अली खान, डॉ. बद्रीनाथ सिंह, प्रो. रामबिलास यादव, एएन गुप्ता, एसएन मिश्रा, सुरेश तिवारी, महेश सिंह, अवधेश राय आदि मौजूद रहे। इस कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आयोजित करने में सोनू राय, असलम खान, आनंद राय, कमलेश मौर्या, ¨प्रस राय आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

केंद्रीय मंत्री के स्वच्छता पर किए जा रहे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए हमारी ओर से प्रयास जारी है। - सुनील राय सोनू

प्राथमिक विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए केंद्रीय मंत्री द्वारा किए जा रहे कार्यों में अपना योगदान देने के लिए परस्पर तैयार रहेंगे। - दिनेश मिश्रा


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