Shaurya Gatha: एक परिवार की तीन पीढ़ियों ने देश सेवा में खुद को किया समर्पित
दिवंगत कप्तान धूम सिंह दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से लड़े थे। वहीं उनके बेटे कर्नल ओम वीर सिंह 1971 ने बांग्लादेश युद्ध में शौर्य दिखाया था
नोएडा [सुनाक्षी गुप्ता]। देश सेवा में योगदान देना हर एक नागरिक का सपना होता है, लेकिन यह सौभाग्य हर किसी को प्राप्त नहीं होता है। नोएडा के सेक्टर-29 स्थित ब्रह्मपुत्र अपार्टमेंट में एक ऐसा परिवार भी रहता है जिसकी तीन पीढ़ियां लगातार देशसेवा में योगदान देती आ रही हैं। दिवंगत कप्तान धूम सिंह दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना की तरफ से लड़े थे। वहीं उनके बेटे कर्नल ओम वीर सिंह 1971 ने बांग्लादेश युद्ध में शौर्य दिखाया था और उनके बेटे कर्नल नीरज सिंह 1999 कारगिल युद्ध में दुश्मनों से लोहा ले चुके हैं।
बांग्लादेश युद्ध की घोषणा से पहले दुश्मनों के इलाके में पहुंचकर ठीक की थी सिग्नल लाइन
1971 में भारत की पूर्वी पाकिस्तान के साथ हुई जंग के दिनों को याद करते हुए सेवानिवृत कर्नल ओम वीर सिंह ने बताया कि वह 66 माउंटेन ब्रिगेड का हिस्सा थे। उन्हें पूर्वी पाकिस्तान के अंदर 20 किलोमीटर के दायरे में सिग्नल के लिए लाइनें ठीक करनी थी, जिससे सेना आगे संपर्क साध सके। उन्होंने जोखिम भरा यह काम सफलता
पूर्वक कर दिखाया। पूर्वी पाकिस्तान पर विजय हासिल करने के बाद तीन माह तक वह वहीं रहे और
व्यवस्थाओं को सळ्धारने में मदद की।
कारगिल युद्ध में दिया दुश्मनों को मुहंतोड़ जवाब
एक परिवार की तीन पीढ़ियों ने देश सेवा में खुद को किया समर्पित कारगिल युद्ध में पिता-पुत्र ने दुश्मनों को दिया मुंहतोड़ जवाब 1995 के कारगिल युद्ध में पुत्र कर्नल नीरज सिंह फ्रंट पर रहे थे और बतौर सिग्नल ऑफिसर कमान संभाली थी, तो वहीं पिता कर्नल ओम वीर सिंह कोलकाता (तब के कलकत्ता) में थे और उत्तरी कमान में शामिल थे। दुश्मनों को हराने में पिता-पुत्र भारतीय सेना की ढाल बन रहे थे।