Jewar Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ये हैं प्रमुख शिल्पकार, किसानों का भी रहा अहम योगदान
Jewar International Airport देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को धरातल में उतारने में जनप्रतिनिधियों अधिकारियों व किसानों का अहम योगदान है। अधिकारियों ने एयरपोर्ट की औपचारिकताएं पूरी करने में दिन रात एक किया । वहीं जन प्रतिनिधियों ने सरकार व जनता के बीच सेतु बनकर एयरपोर्ट की राह आसान की।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को धरातल में उतारने में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व किसानों का अहम योगदान है। अधिकारियों ने एयरपोर्ट की औपचारिकताएं पूरी करने में दिन रात एक किया । वहीं जन प्रतिनिधियों ने सरकार व जनता के बीच सेतु बनकर एयरपोर्ट की राह आसान की। पीढ़ियों की विरासत अपनी जमीन को किसानों ने विकास के लिए दे दिया। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुख्य शिल्पकार ये हैं।
डा. महेश शर्मा, सांसद
मोदी सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्री बने डा. महेश शर्मा को नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार मिला। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए प्रयास तेज किए। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद केंद्रीय मंत्री रहते हुए एयरपोर्ट को सैद्धांतिक सहमति से लेकर अन्य अनापत्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई। बहुत कम समय में एयरपोर्ट को केंद्रीय मंत्रालय एवं विभागों से सभी अनुमति मिलना संभव हुआ।
धीरेंद्र सिंह, विधायक जेवर
एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती थी। नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू होने के बाद पहली किसी परियोजना के लिए अधिग्रहण होने जा रहा था। विधायक धीरेंद्र सिंह ने आगे आकर जमीन अधिग्रहण के लिए सहमति दी और क्षेत्र के लोगों को भी आश्वस्त किया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उनके विनाश नहीं विकास का वाहक बनेगा। इसी भरोसे पर लोग आगे आए और छह गांवों में 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण एवं ग्रामीणों के पुनर्वास का काम संभव हो सका।
शैलेंद्र भाटिया, ओएसडी, यमुना प्राधिकरण
यमुना प्राधिकरण में ओएसडी बनकर आए शैलेंद्र भाटिया ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में अहम भूमिका निभाई। निविदा से लेकर एयरपोर्ट से जुड़े दस्तावेजों को महारत के साथ तैयार। शासन से लेकर केंद्र सरकार की सहमति के लिए लखनऊ से दिल्ली के बीच दिन रात किया। एयरपोर्ट से जुड़े प्रत्येक कार्य में उनकी भूमिका अहम रही है। कागजों से लेकर धरातल पर एयरपोर्ट को आकार देने में आगे बढ़कर काम किया।
बीएन सिंह, तत्कालीन डीएम, गौतमबुद्धनगर
बीएन सिंह ने जिलाधिकारी के तौर पर जमीन अधिग्रहण जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य को कुशलता से निपटाया। किसानों के सुझाव एवं आपत्ति को ईमानदार से निपटाया गया। उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए निस्तारण किया गया। मुआवजा वितरण में पारदर्शिता बरती गई। गांवों में कैंप लगाकर प्रशासन खुद किसानों के पास पहुंचा।
डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण
यमुना प्राधिकरण के बतौर सीईओ सबसे अधिक समय जिम्मेदारी संभालने वाले डा. अरुणवीर सिंह ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। नोडल एजेंसी बनने के बाद उन्होंने एयरपोर्ट की डीपीआर सर्वे आदि कराए और पारदर्शिता के साथ विकासकर्ता चयन की प्रक्रिया को पूरा किया। उनकी भूमिका को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें सेवानिवृति के बाद तीन बार सेवा विस्तार दिया।