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Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan: राम मंदिर की नींव में डलेगी रावण के गांव की मिट्टी

Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan भूमि पूजन में रावण की जन्मस्थली कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा के गांव बिसरख की मिट्टी की खुशबू भी महकेगी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:29 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan: राम मंदिर की नींव में डलेगी रावण के गांव की मिट्टी
Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan: राम मंदिर की नींव में डलेगी रावण के गांव की मिट्टी

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए बुधवार को होने जा रहे भूमि पूजन में रावण की जन्मस्थली कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा के गांव बिसरख की मिट्टी की खुशबू भी महकेगी। बिसरख में रावण मंदिर का निर्माण कराने के बाद सुर्खियों में आए हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य अशोकानंद महाराज ने बताया कि भूमि पूजन के लिए बिसरख स्थित रावण के मंदिर से मिट्टी अयोध्या भेजी गई है। वर्षों इंतजार के बाद पांच अगस्त को राम मंदिर के निर्माण को भूमि पूजन होने जा रहा है। इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरे देश से धार्मिक स्थलों की मिट्टी एकत्र की जा रही है। धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थानों की मिट्टी अयोध्या में राममंदिर निर्माण में प्रवाहित की जाएगी।

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बताया जा रहा है कि अयोध्या में भूमि पूजन में देशभर के करीब आठ हजार पवित्र स्थलों से मिट्टी व जल का उपयोग किया जाएगा। बिसरख से श्रद्धालुओं ने मिट्टी का कलश लेकर कूच किया। इससे पहले मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मिट्टी को कलश में रखा। साथ ही मिट्टी की पूजा-अर्चना की गई। ग्रामीणों के मुताबिक, बिसरख गांव को रावण का गांव कहा जाता है। मान्यता यह भी है कि रावण का जन्म बिसरख गांव में हुआ था। उनके पिता महर्षि विश्रवा का यहां आश्रम था। गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर भी है। इसमें अष्ट भुजा शिवलिंग है। सदियों से ऐसे मान्यता है कि शिवलिंग की स्थापना महर्षि विश्रवा ने की थी। ग्रामीणों का दावा है कि शुरुआती काल में इस स्थान का नाम विश्रवेश्वरा था। बाद में जगह का नाम बदलकर बिसरख हो गया। पुराणों में विश्रवेश्वरा का जिक्र है। मिट्टी का कलश सुपुर्द करने के दौरान पंडित लेखराज शर्मा, रामवीर शर्मा, गोपाल शर्मा, संदीप शर्मा, पुरन गौतम, मांगेराम, संदीप बालियान, नरेंद्र भाटी उपस्थित रहे। बता दें कि दशहरे पर बिसरख गांव में रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है।


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