फर्जी दस्तावेज पर नोएडा के डिग्री कॉलेज में नौकरी करती रहीं शिक्षिका आभा सिंह
गौतमबुद्धनगर मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय बादलपुर में नौकरी से निकाली गई शिक्षिका का इतिहास नोएडा से भी जुड़ा हुआ है। आभा सिंह 2014 तक नोएडा के सेक्टर-39 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में करीब 7 साल नौकरी कर चुकी है।
नोएडा, सुनाक्षी गुप्ता। अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर बतौर एसोसिएट प्रोफेसर नौकरी करने वाली शिक्षिका आभा सिंह को उच्च शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। गौतमबुद्धनगर मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय, बादलपुर में नौकरी से निकाली गई शिक्षिका का इतिहास नोएडा से भी जुड़ा हुआ है। आभा सिंह 2014 तक नोएडा के सेक्टर-39 स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में करीब 7 साल नौकरी कर चुकी है। फर्जी दस्तावेज लगाकर यूजीसी परीक्षा पास करने के बाद वह डिग्री कॉलेज में नौकरी कर रही थी, जिससे कई लोगों को एतराज था।
विश्वविद्यालय में पहले भी कई बार हो चुकी थी शिकायत
नियुक्ति में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने एसोसिएट प्रोफेसर को चार्जशीट जारी कर तीन माह में जवाब मांगा है। नोएडा के डिग्री कॉलेज के शिक्षक बताते हैं कि आभा सिंह पर कार्रवाही भले ही इस साल हुई है, लेकिन अपने फर्जीवाड़े के कारण वह कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय तक काफी सुर्खियों में थी। नोएडा के कार्यकाल में तत्कालीन प्राचार्य ने उनकी शिकायत विश्वविद्यालय तक की थी, वहीं, बाकी के अनुसूचित जाति के प्रोफेसरों की आंखों में भी खटकती रहीं। यही कारण है कि हर साल किसी न किसी शिक्षक द्वारा उनकी शिकायत विवि और निदेशालय तक पहुंचती थी।
दरअसल राजनीतिक विज्ञान विषय पढ़ाने वाली एसोसिएट प्रोफेसर शादी से पहले सामान्य श्रेणी में आती थी, लेकिन उन्होंने शादी के बाद पति के दस्तावेज पर अनुसूचित जाति का लाभ लेते हुए नीट परीक्षा पास की और नौकरी में भी इसका लाभ लिया।
इन शहरों में भी पढ़ा चुकी है फर्जी शिक्षिका
फरीदपुर, सिरसागंज, सहारनपुर, बरेली, नोएडा और सबसे आखिर में बादलपुर के राजकीय डिग्री कॉलेज में पढ़ा चुकी है फर्जी एसोसिएट प्रोफेसर आभा सिंह।
यह है पूरा मामला
उच्च शिक्षा निदेशालय ने पिछले दिनों प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जांच कराई थी। प्रदेश भर में कुल 11412 शिक्षकों की जांच की गई थी, जिसमें 27 मामले संदिग्ध पाए गए थे। यह जांच क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कराई गई थी। जांच के बाद जो रिपोर्ट निदेशालय को भेजी गई थी, उसमें नियुक्ति को लेकर संदेहास्पद, फर्जी पाए गए, अनियमित या अन्य कारण अंकित किए गए थे, लेकिन स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की गई थी। इस पर निदेशालय ने सभी 27 संदिग्ध मामलों की दोबारा जांच शुरू कराई और संदिग्ध शिक्षकों की फाइल समेत पूरी रिपोर्ट तलब कर ली। जांच में गौतमबुद्धनगर स्थित मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय, बादलपुर में तैनात एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आभा सिंह का नाम सामने आया।
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