वसूली का आरोपित कथित पत्रकार हिरासत में, वजह पर सस्पेंस; SSP बोले- सही समय पर बताएंगे
इंस्पेक्टर मनोज पंत के साथ अवैध वसूली के आरोप में जेल से जमानत पर बाहर आए इस कथित पत्रकार सुशील पंडित को पुलिस ने शुक्रवार देर रात हिरासत में ले लिया।
नोएडा, जेएनएन। नोएडा कोतवाली सेक्टर 20 के तत्कालीन प्रभारी रहे इंस्पेक्टर मनोज पंत के साथ अवैध वसूली के आरोप में जेल से जमानत पर बाहर आए कथित पत्रकार सुशील पंडित को पुलिस ने शुक्रवार देर रात हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि एसएसपी वैभव कृष्ण के निर्देश पर कोतवाली सेक्टर 20 के प्रभारी निरीक्षक राजबीर सिंह चौहान ने डीएनडी फ्लाई ओवर से उसे हिरासत में ले लिया।
सुशील पंडित के भाई दीपू के मुताबिक वह हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास के साथ कार से ग्रेटर नोएडा स्थित अपने घर आ रहे थे। इसी दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने से पांच मिनट पहले उनकी बात हुई थी तब उन्होंने बताया था कि वह 15 मिनट में घर पहुंच जाएंगे। दीपू ने पुलिस पर फर्जी तरीके से फंसाने की संभावना जताई है।
उधर, एसएसपी वैभव कृष्ण ने बयान जारी कर बताया है कि फर्जी पत्रकार सुशील पंडित को पुलिस हिरासत में लिया गया है। सही समय आने पर उसके हिरासत में लिए जाने का कारण विस्तार से बताया जाएगा।
मालूम हो कि 29 जनवरी की रात एसएसपी वैभव कृष्ण ने तत्कालीन एसपी सिटी सुधा सिंह व क्षेत्राधिकारी कौस्तुभ समेत पुलिस टीम के साथ कोतवाली सेक्टर 20 के प्रभारी निरीक्षक रहे मनोज पंत के कार्यालय में छापेमारी की थी। उस दौरान उन्होंने इंस्पेक्टर मनोज पंत, कथित पत्रकार सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर को अवैध वसूली के आरोप में रंगेहाथ गिरफ्तार करते हुए उनसे वसूली के 8 लाख रुपये बरामद किये थे। यह पैसे एक कॉल सेंटर संचालक से लिये गए थे। कॉल सेंटर संचालक ने ही एसएसपी से मनोज पंत पर बन्द कॉल सेंटर को दोबारा खुलवाने के लिए रुपये मांगने का आरोप लगाया था। सभी आरोपितों को एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ में पेश कर जेल भेज दिया गया था। फिलहाल सभी जमानत पर बाहर हैं।
कुछ दिन पहले ही इंस्पेक्टर मनोज पंत के निलंबन को भी कोर्ट के निर्देश पर वापस ले लिया गया था। इस मामले में एसएसपी का कहना था कि सरकारी वकील ने पुलिस का पक्ष कोर्ट के समक्ष नहीं रखा था, जिसके खिलाफ उन्होंने शासन को रिपोर्ट भेजी है।