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एकेटीयू की ई-लाइब्रेरी में होगा बड़ा बदलाव, शोध के छात्रों को मिलेगा लाभ

शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों का मानना है कि यह लाइब्रेरी खास तौर पर शोध करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। ऐसी स्थिति में इस सत्र में ई-लाइब्रेरी का विस्तार किए जाने का कार्य शुरू हो गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 06:47 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:47 AM (IST)
एकेटीयू की ई-लाइब्रेरी में होगा बड़ा बदलाव, शोध के छात्रों को मिलेगा लाभ
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय की फाइल फोटो

नोएडा, जागरण संवाददाता।  डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (AKTU) के छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए बनाई गई ई लाइब्रेरी में विस्तार होने जा रहा है। इसके लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों से छात्र छात्राओं के लिए बेहतर सुविधा के लिए सुझाव मांगे गए हैं। पिछले शैक्षणिक सत्र में शुरू हुई थी लाइब्रेरी में फिलहाल 10 हजार शोध पत्र और पाठ पुस्तकों छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए मौजूद है। एकेटीयू से संबंझित तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए पिछले वर्ष ई-लाइब्रेरी की सुविधा शुरू की गई थी। इस ई-लाइब्रेरी के जरिए छात्र-छात्राएं अपने मोबाइल फोन में लैपटॉप में ही पाठ्यक्रम से संबंधित विभिन्न शोध पत्र और पाठ्यपुस्तक पढ़ सकते हैं।

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इस लाइब्रेरी में मौजूद शोध पत्र विभिन्न विश्व स्तरीय शोध पर केंद्रित है। शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों का मानना है कि यह लाइब्रेरी खास तौर पर शोध करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। ऐसी स्थिति में इस सत्र में ई-लाइब्रेरी का विस्तार किए जाने का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों के विभिन्न विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से ई-लाइब्रेरी का विस्तार किए जाने संबंधी सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझाव के आधार पर ही ई-लाइब्रेरी का विस्तार किया जाना है।

पाठ्यपुस्तक की बढ़ोतरी का सुझाव 

तकनीकी शिक्षण संस्थानों की ओर से छात्र छात्राओं के लिए पढ़ने के पढ़ाई के लिए शोध पत्र और पाठ्यपुस्तक की बढ़ोतरी का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा तकनीकी शिक्षण संस्थानों की ओर से बदल रहे वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए भी पाठ्यक्रम से संबंधित पाठ्य पुस्तकों को पढ़ाई जाने के लिए सुझाव दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के निदेशक प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र पाठक ने बताया कि छात्रों के सुझाव के आधार पर जल्द ही विद्यार्थियों को ई-लाइब्रेरी में बदलाव नजर आने लगेगा। यह बदलाव छात्र छात्राओं के शोध कार्यों में काफी सहायता करेगा।

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