UP के स्टूडेंट्स बोलेंगे- अब मैथ्स यानी नो टेंशन, स्कूलों में गणित को इस तरह बनाया जा रहा आसान
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत भाषा गणित और विज्ञान के मूलभूत अध्ययन पर जोर है। इससे छात्र शुरुआत से ही विषयों को रटने के बजाए समझ पर फोकस है। इस क्रम में प्रदेश स्तर पर भी काम किया जा रहा है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की गणित की गुत्थी को हल करने के लिए विभाग विशेषज्ञों की मदद लेगा। ज्यादातर छात्र बचपन से ही गणित की जटिलताओं में फंस जाते हैं और आगे की कक्षाओं में भी उसी में उलझे रहते हैं। वहीं, जो बचपन में ही गणित की समीकरणों को साध लेते हैं। उनको पूरे जीवन में परेशानी नहीं होती है। इसको देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने छठवीं से आठवीं के बच्चों के लिए खान एकेडमी की मदद से विशेष प्रशिक्षण देगा। खान एकेडमी गणित को लेकर दुनियाभर में खास पहचान रखता है।
तीनों कस्तूरबा स्कूल में चल रहा प्रशिक्षण
विभाग ने पहले चरण में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में प्रशिक्षण शुरू किया था। जिले के तीनों कस्तूरबा विद्यालयों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। अब उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी इसको शुरू किया जाएगा। खान एकेडमी के विशेषज्ञ बच्चों को गणित में दक्ष बनाएंगे। कुछ शिक्षकों को भी प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। एकेडमी द्वारा आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें छात्रों के लिए हर सप्ताह नया काम दिया जाता है। जिले में कुल 214 परिषदीय स्कूलों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें 53 उच्च माध्यमिक व 161 कंपोजिट विद्यालय हैं।
रटने के बजाए समझने पर जोर
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत भाषा, गणित और विज्ञान के मूलभूत अध्ययन पर जोर है। इससे छात्र शुरुआत से ही विषयों को रटने के बजाए समझ पर फोकस है। इस क्रम में प्रदेश स्तर पर भी काम किया जा रहा है। विज्ञान के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) अहमदाबाद की मदद से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विज्ञान और गणित को सरल और रोचक ढ़ंग से पढ़ाया जा रहा है।
कंप्यूटर और इंटरनेट चुनौती
कार्यक्रम शुरू करने से पहले शिक्षा निदेशालय की ओर से तीन कंप्यूटर वाले स्कूलों की सूची मांगी गई है। परिषदीय विद्यालयों में आनलाइन कार्यक्रम शुरू करने में इंटरनेट और कंप्यूटर बड़ी चुनौती है। जिले में कुछ स्कूलों में सीएसआर के तहत कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। इंटरनेट के लिए शिक्षक अपने मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में केवल कंप्यूटर वाले स्कूलों को ही इसका लाभ मिल सकेगा।
दिया जा रहा प्रशिक्षण
खान एकेडमी द्वारा अभी तीनों कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब इसको उच्च माध्यमिक स्कूलों में भी शुरू करने की तैयारी है।
ऐश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी