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नोएडा की इन 5 सोसायटीज का फैसला : डीजल से नहीं, अब पीएनजी से चलेंगे जेनसेट

नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (नोफा) पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच सोसायटियों के जेनसेट को डीजल की जगह पीएनजी से चलाने पर काम कर रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 06:19 PM (IST)
नोएडा की इन 5 सोसायटीज का फैसला : डीजल से नहीं, अब पीएनजी से चलेंगे जेनसेट
नोएडा की इन 5 सोसायटीज का फैसला : डीजल से नहीं, अब पीएनजी से चलेंगे जेनसेट

नोएडा, जेएनएन। दिल्ली व एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर मची हाय-तौबा के बीच शहर की पांच सोसायटियां जेनसेट को बॉय-बॉय कहने की तैयारी में हैं। नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (नोफा) पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच सोसायटियों के जेनसेट को डीजल की जगह पीएनजी से चलाने पर काम कर रहा है। जेनसेट में एक किट लगाई जाएगी, जो पीएनजी को बिजली में कन्वर्ट करेगा। नोफा शीघ्र ही आइजीएल से इस संबंध में करार करने जा रहा है। किट में आने वाले खर्च व निवासियों को पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ को वापस पाने में लगने वाले समय समेत अन्य बिंदुओं को लेकर शनिवार को नोफा की आइजीएल के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी।

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इस तरह जेनसेट पीएनजी को करेगा बिजली में कन्वर्ट

नोफा के संस्थापक सदस्य पुनीत शर्मा ने बताया कि अभी जेनसेट डीजल से चलते हैं। इन्हें अब पीएनजी से चलाने पर काम किया जा रहा है। जेनसेट में एक किट लगेगी। यह किट सीएनजी व पेट्रोल की संयुक्त सुविधा देने वाली कारों की तरह ही होगी। यह किट अभी तक उपलब्ध नहीं थी। अब यह मिलने लगी है। जेनसेट चलाने के लिए आइजीएल अलग से व्यावसायिक कनेक्शन देगा। किट की मदद से जेनसेट पीएनजी को बिजली में बदल देगा।

पैसे की बचत के साथ नहीं होगा वायु प्रदूषण

पुनीत शर्मा का कहना है कि प्रतिदिन औसतन तीन से चार घंटे बिजली कटौती होती है। सोसायटी में रहने वाले लोगों को जेनसेट की बिजली इस्तेमाल करने पर 15 से 22 रुपये प्रति यूनिट खर्च आता है। वहीं, आइजीएल ने दावा किया है कि पीएनजी से बिजली कन्वर्ट करने पर यह लागत 8 से 12 रुपये हो जाएगी। करीब 40 से 50 फीसदी की बचत होगी। डीजल से जेनसेट चलाने पर कार्बन निकलता है, जो वायु प्रदूषण को बढ़ावा देता है। पीएनजी के इस्तेमाल से जेनसेट से कार्बन नहीं निकलेगा। इस तरह वायु प्रदूषण भी नहीं होगा।

एक साल बाद में फायदे में रहेंगे निवासी

पुनीत शर्मा के मुताबिक, पीएनजी को बिजली में कन्वर्ट करने वाले किट की कीमत अधिक है। आइजीएल ने इसकी लागत 4 हजार रुपये प्रति केवीए बताया है। 100 फ्लैट वाली सोसायटी में बिजली सप्लाई के लिए 500 केवीए के जेनसेट की जरूरत होती है। इसलिए 100 फ्लैट वाली सोसायटी में पीएनजी से जेनसेट चलाने में करीब 20 लाख रुपये का खर्च आएगा। यह बोझ सोसायटी के निवासियों पर ही पड़ेगा। हालांकि पीएनजी से सस्ती बिजली मिलने से निवासियों पर पड़ने वाला अतिरिक्त भार एक वर्ष में वापस मिल जाएगा। दूसरे वर्ष से सोसायटी के लोग फायदे में रहेंगे।

पांच सोसायटियों में पीएनजी से जेनसेट चलाने पर चल रहा काम, लगाई जाएगी किट

डॉ. अनिल कुमार सिंह (क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के मुताबिक, जेनसेट में किट लगाकर पीएनजी से बिजली प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं है। कुछ फैक्ट्रियों व कंपनियां जेनसेट में पीएनजी का इस्तेमाल कर रही हैं। सोसायटी में इसका प्रयोग होने से वायु प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी।

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