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Noida Twin Towers Demolition: सुपरटेक के दोनों टावरों को ढहाने की तैयारी तेज, कपड़े से ढके गए आसपास के टावर

Twin Towers Demolitionसुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त करने की तिथि बार-बार बढ़ रही है। 28 अगस्त के बाद तिथि पर एडफिस की पार्टनर कंपनी जेट डेमोलेशन के तकनीकी विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है यह बात एडफिस इंजीनियरिंग लिखित रूप से प्राधिकरण को रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुका है।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 10:48 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 10:48 AM (IST)
Noida Twin Towers Demolition: सुपरटेक के दोनों टावरों को ढहाने की तैयारी तेज, कपड़े से ढके गए आसपास के टावर
Noida Twin Towers Demolition: सुपरटेक के दोनों टावरों को ढहाने की तैयारी तेज

नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर एपेक्स व सियान के ध्वस्तीकरण की तैयारी इन दिनों काफी तेज हो गई है। दोनों टावर के आसपास के क्षेत्रों को कपड़े से कवर करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

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एमराल्ट कोर्ट और एटीएस विलेज के टावरों को ढक दिया गया है। जिससे धूल-मिट्टी के साथ विस्फोटक से निकलने वाले हानिकारक कणों का स्थानीय निवासियों पर प्रभाव न पड़े। एडफिस इंजीनियरिंग की ओर से ध्वस्तीकरण को लेकर तेजी से काम चल रहा है। वजन कम करने के लिए दोनों टावर के ज्वाइंट को तोड़ा जा चुका है। बीम और पिलर को भी कमजोर किया जा चुका है।

ध्वस्तीकरण को लेकर निवासियों को दी गई जानकारी

सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के स्थानीय निवासी गौरव मल्होत्र ने बताया कि हमारे टावर को पूरी तरह कपड़े से ढक दिया गया है। स्थानीय निवासी चाहते हैं कि टावरों के ध्वस्तीकरण के समय उनको किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इसके लिए सही तरीके से व्यवस्था की जाए। पर्याप्त समय रहते स्थानीय निवासियों को अवगत कराते हुए सावधानी को लेकर जरूरी दिशा निर्देश मिल जाएं। जिससे किसी तरह की दिक्कत न हो।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 29 जुलाई की सुनवाई के दौरान सुपरटेक प्रबंधन से सीबीआइआइ ने स्ट्रक्चर आडिट रिपोर्ट की मांग और एडफिस इंजीनियरिंग से पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पांच अगस्त तक सभी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सुपरटेक प्रबंधन को समय दिया था।

छह अगस्त को नोएडा प्राधिकरण में सभी विभागों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन सुपरटेक प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई निर्धारित तिथि में सीबीआरआइ को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, जिसको लेकर बैठक में कड़ी आपत्ति जताई गई। सुपरटेक प्रबंधन को जमकर फटकार भी लगाई गई।

नौ अगस्त तक सारी जानकारी फिर से उपलब्ध कराने को कहा गया, लेकिन मोर्हरम की छुट्टी होने के बाद दस अगस्त यानी बुधवार को इस मामले पर फिर से बैठक हुई, जिसमें अन्य जानकारी तो साझा की गई, लेकिन स्ट्रक्चर आडिट को लेकर फिर से पेंच फंस गया। जो स्ट्रक्चर आडिट रिपोर्ट सुपरटेक प्रबंधन ने अपनी बताकर नोएडा प्राधिकरण और सीबीआइआइ के समक्ष प्रस्तुत की थी।

बार-बार बढ़ रही टावर ध्वस्तीकरण की तिथि

हकीकत में वह रिपोर्ट एमराल्ड कोर्ट सोसायटी निवासियों से खुद के खर्च पर कराई थी, जिसे पहले सुपरटेक प्रबंधन मानने को तैयार नहीं था। अब प्राधिकरण और सीबीआरआइ इस रिपोर्ट को मानने को तैयार नहीं है। सुपरटेक प्रबंधन स्ट्रक्चर आडिट कराने से लगातार बच रहा है।

28 अगस्त को जमींदोज होंगे दोनों टावर

इस कारण टावर ध्वस्तीकरण की तिथि लगातार बढ़ रही है। 30 नवंबर 2021 से 21 मई 2022, 21 अगस्त, अब 28 अगस्त की नई तिथि तय हो चुकी है।

यदि 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट 28 अगस्त को ध्वस्तीकरण की तिथि पर मोहर लगा भी दे, तो भी निर्धारित तिथि तक विस्फोटक लगाने का काम पूरा होने पर संशय है, क्योंकि एडफिस इंजीनियरिंग को विस्फोटक लगाने के लिए न्यूनतम 15 दिन चाहिए। ऐसे में 13 अगस्त से 28 अगस्त तक सिर्फ 15 दिन ही शेष रह जाते हैं। 


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