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Noida News: बिकने की कगार पर पहुंचा नोएडा का 15 साल पुराना माल, दो हजार करोड़ में डील तय

Noida News माल के एंटरटेनमेंट सिटी प्रमोटर द ग्रेट इंडिया प्लेस गार्डन गैलेरिया वर्ल्ड्स आफ वंडर एम्यूजमेंट पार्क और किडजानिया को भी चलाते हैं। माल को दो हजार करोड़ रुपये में बेचने की बात चल रही है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

By Lokesh ChauhanEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Fri, 23 Sep 2022 06:27 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 06:27 AM (IST)
Noida News: बिकने की कगार पर पहुंचा नोएडा का 15 साल पुराना माल, दो हजार करोड़ में डील तय
Noida News: माल करीब 147 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है।

नोएडा, जागरण संवाददाता। करीब 15 वर्ष पहले सबसे बड़े माल के रूप में नोएडा को पहचान दिलाने वाला द ग्रेट इंडिया प्लेस (जीआइपी) माल बिकने के कगार पर आ चुका है। बताया जा रहा है कि कोरोना की मार से यह माल अपने आप को उबार नहीं सका। इसके अलावा आसपास कई और बड़े माल खुलने से यहां आने वाले लोगों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।

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माल के एंटरटेनमेंट सिटी प्रमोटर द ग्रेट इंडिया प्लेस, गार्डन गैलेरिया, वर्ल्ड्स आफ वंडर, एम्यूजमेंट पार्क और किडजानिया को भी चलाते हैं। माल को दो हजार करोड़ रुपये में बेचने की बात चल रही है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। माल करीब 147 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है।

इसमें सब अब तक 1.7 मिलियन वर्ग फीट क्षेत्र विकसित है। वहीं, बाकी क्षेत्र अभी भी खाली है तो खरीदार इसका इस्तेमाल कामर्शियल बिल्डिंग बनाने में भी कर सकता है। दरअसल जब माल बिकेगा तो इसका ट्रांसफर आफ मेमोरेंडम किया जाएगा। जिससे मिलने वाले चार्ज से नोएडा प्राधिकरण को बड़ा राजस्व मिलने की उम्मीद है।

2007 में बनकर हुआ था तैयारवर्ष 2007 में तैयार हुए इस माल को देखने और खरीदारी करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते थे, लेकिन कोरोना के बाद से इसमें भीड़ काफी कम हो गई है। वर्ष 2007 में बनकर तैयार हुआ यह माल उस समय का देश का सबसे बड़ा माल था।

800 करोड़ रुपये का चुकाना है ऋण बताया गया कि माल पर एक सरकारी बैंक का 800 करोड़ रुपये का कर्ज है। अभी 85 फीसदी माल भरा हुआ है। इसे बेचने के बाद जो रुपये आएंगे, उसका इस्तेमाल इस कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा।

2016 के बाद बदली ऐसी तस्वीर 2016 से माल की तस्वीर बदलती चली गई। 2016 में जीआइपी के ठीक सामने डीएलएफ माल आफ इंडिया खड़ा हो गया। इसके बाद से जीआइपी की लोकप्रियता कम होती चली गई। यहां से कई कंपनियों के शोरूम भी चले गए। माल खाली होता चला गया। कोरोना काल में भी यहां से कई ब्रांडेड कंपनियों के शोरूम चले गए।


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