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Noida: कागजों में ही सिमट कर रह जाएगी निजी संचालकों को रोडवेज से जोड़ने की योजना, टेंडरिंग प्रक्रिया हुई फ्लॉप

UPSRTC द्वारा नोएडा और गाजियाबाद जोन के 10 रोडवेज डिपो पर चार सौ अनुबंधित बसें जोड़ने की योजना फ्लाप हो रही है। सप्ताह भर के लिए 2 बार टेंडरिंग प्रक्रिया फ्लॉप हो हुई है। नोएडा जोन में 100 बसों के लिए अनुबंधित बसों का कोई आवेदक नहीं आया है।

By Vaibhav TiwariEdited By: Abhi MalviyaPublished: Tue, 06 Dec 2022 10:53 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 10:53 PM (IST)
Noida: कागजों में ही सिमट कर रह जाएगी निजी संचालकों को रोडवेज से जोड़ने की योजना, टेंडरिंग प्रक्रिया हुई फ्लॉप
चार जिलों के दस डिपो पर चलती हैं सिर्फ 160 अनुबंधित बसें

नोएडा, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) द्वारा नोएडा व गाजियाबाद जोन के 10 रोडवेज डिपो पर चार सौ अनुबंधित बसें जोड़ने की योजना फ्लाप साबित होती नजर आ रही है। 15 नवंबर के बाद सप्ताह भर के लिए दो बार हो चुकी टेंडरिंग प्रक्रिया में नोएडा जोन में 100 बसों के लिए अनुबंधित बस के लिए आवेदक नहीं आए हैं, जबकि गाजियाबाद, हापुड़ व बुलंदशहर में 300 बसों के लिए सिर्फ तीन आवेदन आए हैं।

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अधिकारी अनुबंधित बसों के टेंडरिंग में आवेदकों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार करने के साथ एनसीआर के आसपास के जिलों में जुगाड़ भी बैठा रहे हैं, हालांकि फायदे का सौदा न होने से निजी बस संचालक इससे दूरी बना रहे हैं।

नहीं ली गई बस संचालकों की राय

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अधिकारियों ने कमरे में बैठकर अनुबंधित बसों को रोडवेज से जोड़ने की योजना बना दी है। इसमें बस संचालकों से राय नहीं मांगी गई है। जो शुल्क प्रति किलोमीटर लिया जाना तय है, वह अधिक है। बेस प्राइस प्रति किलोमीटर 7.15 रुपये व पुरानी बस के लिए 7.25 रुपये का निर्धारण काफी अधिक है। नोएडा बस एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप धुक्कड़ ने बताया कि जिन रूटों पर रोड़वेज की तरफ से बस चलाने का प्रस्ताव है उस पर डग्गामार बसें अधिक चलती हैं, जब बस संचालकों का पैसा बचेगा नहीं तो आवेदन कोई क्यों करेगा। अधिकारी प्रस्ताव बनाने से पहले कोई वार्ता नहीं करते हैं। लालफीताशाही के चलते योजना फ्लाप हो जाएगी।

चार जिलों के दस डिपो पर चलती हैं सिर्फ 160 अनुबंधित बसें

खुर्जा, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, हापुड़, लोनी, साहिबाबाद, गाजियाबाद व कौशांबी बस डिपो तीन जिले में गाजियाबाद जोन में पड़ते हैं। इसमें रोडवेज बसों की कुल संख्या 728 है। अनुबंधित बसों की संख्या मिलाने पर बसों की संख्या 888 है। मोरना(नोएडा) डिपो व ग्रेटर नोएडा डिपो में बसों की संख्या 283 है। नोएडा जोन में अनुबंधित बसों की संख्या शून्य है, जबकि गाजियाबाद जोन में अनुबंधित बसों की कुल संख्या 160 है। इसमें सबसे अधिक अनुबंधित बसें कौशांबी 66, गाजियाबाद में 47, बुलंदशहर 15, हापुड़ 10 व लोनी में 3 है।

गाजियाबाद में निजी बसों को अनुबंध के तहत चलाने के लिए अभी तक कुल तीन आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें दो ऐसी व एक आवेदन साधारण बस का है। 300 बसों के लिए आवेदन मांगे गए है।

- एके सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी, गाजियाबाद जोन

100 अनुबंधित बसों के लिए दो बार टेंडरिंग में कोई आवेदक नहीं आया है। तीसरी बार 15 दिनों की टेंडरिंग प्रक्रिया अभी चल रही है।

- मनोज कुमार, कार्यवाहक, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी, नोएडा जोन


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