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Jewar International Airport: यूरोप की तर्ज पर बनेगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक ही होगा एंट्री और एग्जिट गेट

Jewar International Airport इस एयरपोर्ट में कुल पांच टर्मिनल बनाए जाएंगे इसी के साथ इसके 2022 दिसंबर तक शुरू होने की भी बात कही जा रही है। इससे न केवल गौतमबुद्धनगर बल्कि गाजियाबाद दिल्ली और हरियाणा के लोगों को भी लाभ होगा। लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 02:22 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 02:22 PM (IST)
Jewar International Airport: यूरोप की तर्ज पर बनेगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, एक ही होगा एंट्री और एग्जिट गेट
डिजाइन में क्षेत्र की संस्कृति व इतिहास की झलक भी दिखेगी।

नोएडा [अर्पित त्रिपाठी]। Jewar International Airport:  दिल्ली से सटे गौतमबुद्धगर के जेवर में बनने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम कंपनी कभी भी शुरू कर सकती है। इस एयरपोर्ट में कुल पांच टर्मिनल बनाए जाएंगे, इसी के साथ इसके 2022 दिसंबर तक शुरू होने की भी बात कही जा रही है। इससे न केवल गौतमबुद्धनगर, बल्कि गाजियाबाद, दिल्ली और हरियाणा के लोगों को भी लाभ होगा। लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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यूरोप के एयरपोर्ट के तर्ज पर होगा एक ही आगमन व प्रस्थान द्वार

यात्रियों की सुविधा के लिए नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण कर रही कंपनी व यमुना प्राधिकरण हर पहलू पर ध्यान रख रही है। यहां यात्रियों के आगमन व प्रस्थान के लिए एक ही द्वार होगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा। देश के अन्य एयरपोर्ट में आवागमन के लिए अलग द्वार बने हैं। अधिकारियों के मुताबिक, लंदन एयरपोर्ट ने इस व्यवस्था को 1999 में पहली बार शुरू किया था।

 कम से कम होगा कार्बन उत्सर्जन

एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग का डिजाइन नोर्डिक, ग्रिम्सशा, हैप्टिक और एसटीयूपी के समूह ने किया है। इसका डिजाइन हैदराबाद, ओसलो, इस्तांबुल व ज्यूरिख एयरपोर्ट का अध्ययन कर तैयार हुआ है। डिजाइन में क्षेत्र की संस्कृति व इतिहास की झलक भी दिखेगी। सबसे अहम ये कि यहां कार्बन उत्सर्जन को कम से कम रखा जाएगा। हरियाली को तो ध्यान में रखा ही है, इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) जैसे सोलर आदि उपकरणों का इस्तेमाल होगा। कार्बन उत्सर्जन कम से कम हो, इसके लिए अमेरिका के एयरपोर्ट का अध्ययन होगा, जहां कुछ एयरपोर्ट शून्य कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं।

लोगों को दी जाएगी बेहतरीन सुविधा

यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली में बने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में आगमन का रास्ता एयरपोर्ट की पहली मंजिल पर है, जबकि प्रस्थान का रास्ता भूतल पर है। दो रास्ते होने से यात्रियों को आवागमन में अधिक समय लगता है। उन्हें काफी चलना भी पड़ता है। इसे दूर करने के लिए विकासकर्ता कंपनी एक ही द्वार बना रही है।

वहीं, अरुणवीर सिंह (सीईओ, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) का कहना है कि एयरपोर्ट के नामकरण में दिल्ली और नोएडा के नाम की मौजूदगी को ध्यान में रखा गया है। नये नाम का फैसला अगले सात दिन में हो जाएगा।

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