Noida Crime: तीन हजार एक्टिवेट सिम चीन व नाइजीरिया भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़, धोखाधड़ी में होता था इस्तेमाल
फर्जी पहचान पत्र पर एक्टिवेट सिम चीन व नाइजीरिया भेजने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पांच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल है। विदेशी नागरिक फर्जी पहचान पत्र का प्रयोग कर देश में अवैध रूप से रह रहे थे।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। फर्जी पहचान पत्र पर एक्टिवेट सिम चीन व नाइजीरिया भेजने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पांच आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। विदेशी नागरिक फर्जी पहचान पत्र का प्रयोग कर देश में अवैध रूप से रह रहे थे। जांच में पता चला है कि जो एक्टिवेट सिम चीन व नाइजीरिया भेजे गए है उनका प्रयोग साइबर ठगी व जासूसी के लिए किया जा रहा है। इन सिम के जरिये देश की सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी चीन तक पहुंचाई जा रही थी। पकड़े गए आरोपित इस फर्जीवाड़े के अलावा दिल्ली एनसीआर के छात्रों को ड्रग्स भी सप्लाई करते थे। ड्रग्स विदेश से कोरियर के माध्यम से मंगाई जाती थी। यह कार्रवाई डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में एंटी आटो थेफ्ट टीम प्रभारी जितेंद्र कुमार ने की है। पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ कर देश सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी हासिल की है।
नालेज पार्क से हुई गिरफ्तारी
डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा ने बताया कि पांच आरोपितों को नालेज पार्क कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों की पहचान नाइजीरिया के रहने वाले सिक्सटस ननाइमका ओकुमा, तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा नंदुक, पश्चिम बंगाल के रहने वाले लिट्टन दास, बुलंदशहर के आसिम खान व दिल्ली के बलराम के रूप में हुई है।
आरोपित दिल्ली ससित कई जगहों पर सिखाता है फुटबाल
नाइजीरिया का रहने वाले सिक्सटम दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा के अलग-अलग स्कूलों में फुटबाल कोचिंग देता था। छात्रों को ड्रग्स सप्लाई करने में उसका अहम किरदार है जबकि तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा नंदुक की भूमिका एक्टिवेट सिम को चीन व नाइजीरिया भेजने की है। एक्टिवेट सिम आसिम, बलराम व लिट्टन उपलब्ध कराते थे। हर एक्टिवेट सिम के लिए तकल्हा उन्हें पांच सौ रुपये देता था। आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने फर्जी आइडी पर खरीदे गए 730 सिम, 20 लाख की कीमत की 55 ग्राम अमेरिकी ड्रग्स (मेथाम्फेटामाइन क्रिस्टल एमडीएमए), 40 टेबलेट एमडीएमए, विदेशी वीड (गांजा) बरामद किया गया है। बरामद 730 सिम में से 279 सिम एक्टिवेट मिले है जो कि फर्जी आइडी पर खरीदे गए है। अन्य सिम अभी एक्टिव नहीं हुए है।
2013 में भारत आया था सिक्सटस
नाइजीरियाई युवक सिक्सटस ननाइमका ओकुमा वर्ष 2013 में मेडिकल वीजा पर भारत आया था। वीजा अवधि खत्म होने के बाद से वह अवैध रूप से भारत में रह रहा था और अवैध धंधे में लिप्त हो गया। उसके कब्जे से बरामद पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज की पुलिस जांच कर रही है।
चीनी भाषा सीखने भारत आया तकल्हा
पुलिस जांच में पता चला है कि तिब्बती रिफ्यूजी तकल्हा नंदुक भारत में चीनी भाषा की सीख रहा था। वह भी बिना वीजा के अवैध रूप से रह रहा था। उसके मोबाइल से पुलिस को चीनी ऐप मिले है। वह चीनी नागरिकों से मोबाइल पर चैटिंग करता था। चैटिंग से ही पता चला है कि वह तीन हजार भारतीय सिम चीन व नाइजीरिया भेज चुका है।
ऐसे हासिल करते थे फर्जी आइडी पर एक्टिवेट सिम
लिट्टन व आसिम गांव-गांव जाकर सिम बेचने की स्टाल लगाते थे। वह सिमकार्ड खरीदने वाले लोगों के बायोमैट्रिक मिलान के दौरान तीन चार बार अंगूठा स्कैन कराकर उतने ही सिम ओटीपी के माध्यम से एक्टिवेट करा लेते थे। ग्राहक को हर बार यह कहा जाता था कि अंगूठा स्कैन नहीं हुआ है जबकि अंगूठा हर बार स्कैन होता था। ग्राहक को महज एक ही सिम दिया जाता था।