नोएडा : फार्मा की रिसर्च कंपनी में भीषण आग, तीन घंटे पर पाया गया काबू
सेक्टर 59 स्थित एक निजी कंपनी में बुधवार की शाम आग लग गई। सूचना पर दमकल की करीब एक दर्जन गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम चल रहा है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि कोई जनहानि नही हुई है।
नोएडा, जागरण संवाददाता। फार्मा से जुड़ी एक रिसर्च कंपनी की सेक्टर 59 स्थित बिल्डिंग में बुधवार शाम भीषण आग लग गई। सूचना पर दमकल की 17 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। करीब तीन घंटे के प्रयास के बाद आग बुझाई जा सकी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौतमबुद्ध नगर (सीएफओ) अरुण कुमार सिंह ने बताया सेक्टर 59 के सी ब्लाक में फार्मा रिसर्च से जुड़ी जुबिलेंट लाइफ साइंसेज नाम से कंपनी है। बेसमेंट के अलावा तीन तल की बिल्डिंग है।
बुधवार शाम करीब पौने छह बजे बिल्डिंग के प्रथम तल पर आग लग गई। इस दौरान बिलिं्डग के अंदर करीब 100 लोग मौजूद थे, हालांकि समय रहते सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। सीएफओ के अनुसार पांच बजकर 51 मिनट पर आग लगने की सूचना मिली। थोड़ी देर में फायर स्टेशन सेक्टर 58 से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन भयानक आग देख कर आस-पास के सभी फायर स्टेशनों से दमकल की कुल 17 गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया। बिल्डिंग के चारों तरफ से पानी की बौछार फेंकना शुरू किया।
सीएफओ ने कहा कि करीब तीन घंटे के प्रयास के बाद आग बुझाई जा सकी। उन्होंने बताया कि केमिकल में आग लगी थी, जिस कारण इसे बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। अभी आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि प्रथम तल पर आग लगी थी, लेकिन धुआं चारों तरफ फैल गया था। इसकी वजह से बिल्डिंग में प्रवेश करने में मुश्किलें आ रही थी। आग से प्रथम तल पर नुकसान हुआ है।
कंपनी में हुआ था कोरोना की दवा पर शोध
सेक्टर-59 स्थित जुबिलेंट लाइफ साइंसेज कंपनी में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर पर शोध हुआ था। इस कंपनी में दवाओं के शोध का काम होता है। बता दें कि जुलाई में सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) से आए दो औषधि निरीक्षक और उत्तर प्रदेश सरकार के औषधि विभाग के सहायक आयुक्त की ओर से संयुक्त रूप से कोरोना बीमारी को खत्म करने के लिए कारगर औषधि रेमडेसिविर पर ड्रग मैन्युफैक्चरिग कंपनी जुबिलेंट लाइफ साइंसेज में चल रहे शोध का निरीक्षण किया था। उच्च अधिकारियों ने डीसीजीआइ को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी। डीएम सुहास एलवाइ का कहना है कि आग से कंपनी को कितना नुकसान हुआ है, इसका आकलन किया जाएगा। हालांकि कंपनी पदाधिकारियों के अनुसार जहां पर आग लगी है, वहां दवा को लेकर शोध चल रहा था।
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