नोएडा के आठ बिल्डरों पर कार्रवाई के मूड में प्राधिकरण, फ्लैट खरीदारों को ठगने का भी है आरोप; देखें लिस्ट
नोएडा प्राधिकरण आठ बिल्डरों पर कार्रवाई करने जा रहा है जिन पर फ्लैट खरीदारों को ठगने का आरोप है। प्राधिकरण इन बिल्डरों की अनसोल्ड प्रॉपर्टी पर कब्जा करेगा और उनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में केस दर्ज कराएगा। इन बिल्डरों पर करीब 1172 करोड़ रुपये बकाया है। इन बिल्डरों को कई बार नोटिस जारी कर बैठक में बुलाया गया था।
कुंदन तिवारी, नोएडा। बिल्डरों से बकाया मांगकर परेशान हो चुका नोएडा प्राधिकरण अब प्रथम चरण में आठ बिल्डरों की परियोजना में अनसोल्ड प्रापर्टी (बिना बिके फ्लैट) पर कब्जा करने जा रहा है। इसका सर्वे एक कंपनी से करवाया जाएगा। साथ ही इन बिल्डरों ने कैसे प्राधिकरण और फ्लैट खरीदारों को ठगा, फंड लेने के बाद कहां इस्तेमाल किया, इसका भी पता चलेगा।
आठ बिल्डरों का केस आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपा जा रहा है। इसके लिए प्राधिरकण ईओडब्ल्यू को जो दस्तावेज देगा, उसमें बिल्डरों की देयता, आवंटन पत्र, प्रभावित फ्लैट खरीदार की सूची शामिल होगी। बता दें कि बिल्डरों ने बहुत कम टावर का निर्माण करने और फ्लैट खरीदारों की सूची प्राधिकरण में उपलब्ध कराई है।
बिना रजिस्ट्री फ्लैट खरीदारों को कब्जा दे दिया
सर्वे के दौरान प्रकाश में आया है कि बिना अनुमति लिए ही तमाम टावरों को खड़ा कर दिया गया, बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैट खरीदारों को कब्जा दे दिया है। इससे बिल्डरों प्राधिकरण, फ्लैट खरीदार, निबंधन विभाग को भी ठग कर सरकार को राजस्व का चूना लगाया है। जबकि बिल्डर की ओर से फ्लैट खरीदारों से पूरी रकम वसूल ली है। प्राधिकरण का बकाया फिर भी नहीं चुकाया है।
सभी को अनसोल्ड इनवेंट्री मान लिया गया
इसलिए नोएडा प्राधिकरण सिर्फ उतने ही फ्लैट को वैध मान रही है, जिसकी सूची बिल्डर ने प्राधिकरण के नियोजन विभाग व ग्रुप हाउसिंग में उपलब्ध कराई है। इसका पूरा विवरण तैयार कर सभी को अनसोल्ड इनवेंट्री मान लिया गया है। इसलिए यह मामला आर्थिक अपराध से जुड़ गया है।
आठ बिल्डरों की यह रही सूची
प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि इन बिल्डरों को कई बार नोटिस जारी कर बैठक में बुलाया गया, लेकिन अब तक न तो इन लोगों ने सहमति दी है और न ही यह बैठक में उपस्थित हुए। ऐसे सभी बिल्डरों का भूखंड निरस्त किया जाए। साथ ही अनसोल्ड इनवेंट्री (बिना बिका फ्लैट) को सील कर अपने कब्जे में किया जाएगा।
टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एमपीजी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, एजीसी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, मनीषा कीबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, आईवीआर प्राइम, आरजी रेजीडेंसी, गार्डेनिया इंडिया लिमिटेड और फ्यूटेक शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड पर यह कार्रवाई होनी जा रही है। इन पर करीब 1,172 करोड़ रुपये बकाया है।