Noida land Scam: जमीन घोटाले में नया ट्विस्ट, एक आरोपितने लौटाए मुआवजे के पौने चार करोड़ रुपये
चिटेहरा जमीन घोटाला सामने आते ही नोएडा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच एक आरोपित नरेंद्र कुमार ने पट्टे की जमीन के उठाए मुआवजे के तीन करोड़ 76 लाख रुपये जिला प्रशासन के खाते में जमा कर दिए।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। चिटहेरा प्रकरण में नौ लोगों पर एफआइआर दर्ज कराने के बाद जिला प्रशासन की सख्ती का असर दिखने लगा है। आरोपित नरेंद्र कुमार ने पट्टे की जमीन के उठाए मुआवजे के तीन करोड़ 76 लाख रुपये जिला प्रशासन के खाते में जमा कर दिए। प्रशासन ने अन्य आरोपितों से भी अपील की है, वे भी जमीन के मुआवजे का पैसा जमा कर दें।
प्रशासन की सख्ती से उत्तराखंड के नौकरशाहों में भी हड़कंप मचा है। सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड के कुछ आइएएस और आइपीएस अफसरों ने मामले में फंसे रिश्तेदारों को बचाने का प्रयास शुरू कर दिया है। कई स्तर से उनके द्वारा गौतमबुद्ध नगर प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है।
जिला प्रशासन ने तीन दिन पहले मुख्य आरोपित भूमाफिया यशपाल तोमर, त्रिदेव प्राइवेट लिमिटेड के नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, बैलू, कृष्णपाल, एम भाष्करन, केएम संत, गिरीश वर्मा व सरस्वती देवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इनमें से एक आरोपित यूपी कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अफसर बताए जा रहे हैं। हालांकि, प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है। वहीं, उत्तराखंड कैडर के दो आइएएस व एक आइपीएस अफसर के रिश्तेदार भी प्रकरण में शामिल हैं। केस दर्ज होने के तीन दिन बाद भी एक भी आरोपित गिरफ्तार नहीं हुआ है।
प्रशासन ने त्रिदेव प्राइवेट लिमिटेड के नरेंद्र कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया है। अधिकारियों ने बताया कि नरेंद्र कुमार ने पट्टे की जमीन का मुआवजा उठाया था। तीन करोड़ 76 लाख जमा कर दिए हैं। वर्ष 2018 में जिले में तैनात रहे एक अधिकारी ने मामले की जांच की थी। उनकी रिपोर्ट का भी अध्ययन किया जा रहा है।
प्रशासन की सख्ती से आरोपितों की उड़ी नींद
इस मामले में यूपी कैडर के एक पूर्व आइएएस अधिकारी शामिल हैं। एक आरोपित का बेटा उत्तराखंड में आइपीएस है। साथ ही दो आरोपितों के रिश्तेदार उत्तराखंड में वरिष्ठ आइएएस हैं। इन लोगों ने यशपाल तोमर की मदद से चिटहेरा में पट्टे की जमीन सस्ती दरों पर खरीदकर मोटा मुनाफा कमाया था। मामला दर्ज होने के बाद अब वे लोग परेशान हैं।