Noida International Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जमीन की रजिस्ट्री के साथ यूपी में बना नया रिकॉर्ड
अधिकारियों का दावा है कि यह प्रदेश में जमीन की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है। रजिस्ट्री पर 96 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क दिया गया है। जमीन की रजिस्ट्री से सबसे अधिक स्टांप शुल्क मिलने का रिकार्ड भी गौतमबुद्ध नगर के नाम पर दर्ज है।
ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जमीन की रजिस्ट्री के साथ प्रदेश में एक नया रिकॉर्ड बना है। उत्तर प्रदेश में पहली बार इतनी एकमुश्त जमीन की रजिस्ट्री हुई है। नोएडा इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड (नियाल) इस जमीन को जल्द ही विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को निर्माण कार्य के लिए सौंप देगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए छह गांव रोही, पारोही, बनबारीवास, दयानतपुर, किशोरपुर, रन्हेरा की 1,334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। यह जमीन जिला प्रशासन ने नागरिक उड्डयन विभाग के नाम पर अधिगृहीत की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए नियाल का गठन किया है। नागरिक उड्डयन विभाग ने शनिवार को लखनऊ में 1,334 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री नियाल के नाम पर कर दी। अधिकारियों का दावा है कि यह प्रदेश में जमीन की सबसे बड़ी रजिस्ट्री है। रजिस्ट्री पर 96 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क दिया गया है। जमीन की रजिस्ट्री से सबसे अधिक स्टांप शुल्क मिलने का रिकार्ड भी गौतमबुद्ध नगर के नाम पर दर्ज है।
नजदीक है नोएडा एयरपोर्ट का शिलान्यास
नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ी औपचारिकताएं जिस तेजी से पूरी की जा रही हैं, उसके अनुसार नोएडा एयरपोर्ट का शिलान्यास करीब है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए यमुना प्राधिकरण ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चयन में जुटा है। प्राधिकरण ने कंपनियों से इसके लिए प्रस्ताव मांगे थे। इसमें प्रधानमंत्री की जनसभा के कार्यक्रमों का अनुभव होने की शर्त रखी गई है। 18 कंपनियों ने सोमवार व मंगलवार को प्राधिकरण में प्रस्तुतिकरण दिया है। जल्द ही प्राधिकरण ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी का चयन कर लेगा।
विस्थापन में आनाकानी करने वालों पर सख्ती
नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित गांवों के अधिकतर लोग विस्थापित हो चुके हैं। रोही में चार परिवार गांव छोड़ने में आनाकानी कर रहे हैं। प्रशासन के अधिकारी उन्हें मनाने में जुटे हैं। न हटने पर सख्त रुख अपनाने की भी चेतावनी प्रशासन ने दे दी है। प्रभावित परिवारों का जेवर बांगर में पुनर्वास हो रहा है। 3,003 परिवारों को पुनर्वास के लिए भूखंड आवंटित किए गए हैं।