इन्वेस्टमेंट के नाम पर 100 करोड़ की महाठगी, न्यूज चैनल के जरिये करते थे प्रचार
आरोपित पिछले पांच साल से यानी वर्ष 2014 से ही लोगों से ठगी कर रहे थे। यह भी पता चला है कि अब तक सैकड़ों लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं।
नोएडा, जेएनएन। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में सैकड़ों लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की महाठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि नोएडा सेक्टर-18 में ठगों ने एक कंपनी बनाकर साजिश के तहत पहले तो 10 फीसद रिटर्न का लालच देकर भारी-भरकम पैसे इन्वेस्ट करवाए फिर पूरी रकम लेकर चंपत हो गए। यह भी कम हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी रकम ठगने वाले दोनों आरोपित सगे भाई हैं।
5 साल से लगा रहे थे लोगों को चूना
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपित पिछले पांच साल से यानी वर्ष 2014 से ही लोगों से ठगी कर रहे थे। यह भी पता चला है कि अब तक सैकड़ों लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं। ठगी का शिकार हुए पीिड़ितों का कहना है कि इन्वेस्ट करने वालों से शातिरों ने कहा कि वे 10 फीसद का स्योर रिटर्न देंगे। साथ ही यह भी दावा करते थे कि कोई भी इन्वेस्टमेंट कंपनी इन दिनों इतना बेहतर रिटर्न नहीं दे रही है। लोग इनके झांसे और कई लोगों ने तो अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई लगा दी। ये शातिर कभी गोल्ड में इन्वेस्ट करने की बात करते तो कभी प्रॉपर्टी में।
न्यूज चैनल के जरिए भी करते थे प्रचार
यह भी जानकारी मिली है कि शातिर ठगों ने अपना यू ट्यूब चैनल चला रखा था, जिसके जरिए ये अपने इन्वेस्टमेंट का प्रचार करते थे। यह चैनल शातिरों ने इसी साल जून महीने में अचानक ही बंद कर दिया। इसके बाद ही लोगों को शक हुआ, लेकिन इन्वेस्टर्स को भरोसा था कि उनका पैसा नहीं डूबेगा, लेकिन कुछ दिनों में ही उनका भरोसा डूब गया। ग्रेटर नोएडा के रहने वाले एक पीड़ित का कहना है कि उन्होंने 22 लाख रुपये लगाए थे, जो डूब गए। उनके मुताबिक, 15 पीड़िता को वे खुद जानते हैं, लेकिन रिपोर्ट सिर्फ 2 ही लोगों की दर्ज हुई है। वहीं, सीओ श्वेताभ पांडे की मानें तो ठगी की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है और अब पूरे मामले की जांच तेज कर दी गई है।
ऐसे की ठगी
मिली जानकारी के मुताबिक, शातिर ने एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाकर उसका दफ्तर सेक्टर-18 के चौखानी स्क्वायर में खोला था। बताया जा रहा है कि इस कंपनी को दो सगे भाइयों ने खोला था और जून 2013 से इसे चला रहे थे। इसके बाद दिल्ली में भी दफ्तर खोला और लोगों से इन्वेस्टमेंट करवा रहे थे। इसके पांच साल बाद वर्ष 2018 में ऑफिस बंद कर दोनों भाई अचानक ही फरार हो गए।
कंपनी में निवेश के नाम पर 89 लाख की ठगी
वहीं, हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली एक महिला समेत दो लोगों से 89 लाख रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ितों ने जिला न्यायालय के आदेश पर कंपनी के चार अधिकारियों पर कोतवाली सेक्टर-20 में एफआइआर दर्ज कराई है। आरोप है कि आरोपितों ने कंपनी में रुपये निवेश करा कर हर महीने अच्छा रिटर्न देने का आश्वासन दिया था।
गुरुग्राम निवासी मोनिका अत्री और अशोक कुमार के मुताबिक, दिल्ली के शाहदरा निवासी विपुल जैन उनके परिचित हैं। विपुल जैन ने अक्टूबर 2018 में आफताब अहमद, शाहदाब सिद्दीकी व शबाना सिद्दीकी निवासी दिल्ली से उनकी मुलाकात कराई। जीआइपी मॉल में हुई मुलाकात के दौरान आफताब अहमद ने खुद को अबूजा टेक्नोलॉजी कंपनी का निदेशक, शबाना सिद्दीकी को जनरल मैनेजर व शाहदाब सिद्दीकी को मार्केटिंग मैनेजर बताया था। आरोपितों ने बताया था कि उनकी कंपनी गारमेंट, हेल्थ केयर, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, लेदर, इलेक्ट्रॉनिक्स व कृषि संबंधित सामान बनाने और बेचने का काम करती है।
आरोपितों ने उन्हें कंपनी में निवेश की स्कीम बताई और हर महीने अच्छा रिटर्न देने की बात कही। इसके बाद मोनिका अत्री ने कंपनी में 54 लाख और अशोक कुमार ने 35 लाख रुपये निवेश कर दिया। कंपनी से उन्हें फरवरी तक रिटर्न मिला और इसके बाद पैसे मिलने बंद हो गए। संपर्क करने पर विपुल जैन ने उन्हें पैसे देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद दोनों लोग सेक्टर-3 स्थित कंपनी के कार्यालय पहुंचे, तो ताला लटका मिला। वहां 100 से अधिक लोग और मिले, जिन्होंने कंपनी में निवेश किया था। तभी से आरोपितों के मोबाइल नंबर भी बंद हैं। पुलिस का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।
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