Coronavirus Noida: हापुड़ में 12 वर्षीय बच्ची समेत एक और कोरोना पॉजिटिव ,जानें नोएडा और गाजियाबाद का हाल
देश में तेजी से बड़ते मामलों के बीच जानें गाजियाबाद हापुड़ और नोएडा में कोरोना वायरस की स्थिति किया है।
नोएडा, जेएनएन। देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस वक्त देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। इन सबसे बीच आपकों राज्य के साथ-साथ अपने जिले के बारे में जानकारी होना भी बेहद जरुरी है। यहां जाने, गाजियाबाद, हापुड़ और नोएडा का हाल।
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- हापुड़ में दो संदिग्ध मरीजों में शनिवार को कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें से एक 12 वर्षीय बच्चा है, जिसमें कोरोना की पुष्टि निजी लैब द्वारा की गई है। वहीं दो और संक्रमित मरीजों ने कोरोना की जंग जीत ली है। जनपद में अभी तक 168 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 91 संक्रमित मरीज स्वस्थ हो गए हैं।
- गाजियाबाद में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होने का आंकड़ा रोज बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को ईएसआइ राजेंद्रनगर में बनाए गए कोविड-1 अस्पताल से 26 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। इनमें कई ऐसे मरीज भी शामिल है जो पहले से ही शुगर के मरीज थे लेकिन मजबूत आत्मविश्वास एवं शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के बल पर वे ठीक हो गए। करीब दो महीने में 179 मरीज इस अस्पताल से स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं।
- कोरोना वायरस के चलते नोएडा शहर के लोगों को हो रही समस्याओं को लेकर फोनरवा प्रतिनिधिमंडल ने विधायक पंकज सिंह के साथ बैठक की। फोनरवा महासचिव केके जैन ने बताया कि आवासीय शहर के सेक्टरों में किसी निवासी के कोरोना संक्रमित हो जाने पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन द्वारा तय की गई गाइडलाइन के अनुसार, आवश्यक कार्रवाई नहीं हो रही है। कई आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने शिकायत की है कि कोरोना के मामले आने के बाद भी उस इलाके को सील नहीं किया जा रहा है।
- कोरोना की दहशत के बीच शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। संदिग्ध लोगों की जांच के लिए जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में ट्रू-नेट (न्यूक्लिक एसिड एम्लीफिकेशन टेस्ट) मशीन स्थापित की गई है। शनिवार को सीएमएस डॉ. वंदना शर्मा ने मशीन का उद्घाटन किया। मशीन की मदद से एक घंटे के भीतर ही संदिग्धों की कोरोना जांच रिपोर्ट आ जाएगी। अब तक अस्पताल से कोरोना मरीजों के सैंपल चाइल्ड पीजीआइ, एनआइबी व जिम्स भेजने पड़ते थे। सैंपल की रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लगते हैं। इमरजेंसी केस होने पर मरीजों और अस्पताल के चिकित्सकों को रिपोर्ट आने का इंतजार करना पड़ता है।