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Sudeeksha Bhati Death: चाय वाले की बेटी ने हासिल की थी 4 करोड़ की स्कॉलरशिप, मनचलों ने 'मार डाला'

Sudeeksha Bhati death news चाय वाले की बेटी सुदीक्षा भाटी ने 2 साल पहले जब 4 करोड़ रुपये की स्कॉलर हासिल की तो किसी ने सोचा तक नहीं था कि उसका इतना दर्दनाक अंत होगा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:28 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 12:26 PM (IST)
Sudeeksha Bhati Death: चाय वाले की बेटी ने हासिल की थी 4 करोड़ की स्कॉलरशिप, मनचलों ने 'मार डाला'
Sudeeksha Bhati Death: चाय वाले की बेटी ने हासिल की थी 4 करोड़ की स्कॉलरशिप, मनचलों ने 'मार डाला'

नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। Sudeeksha Bhati death news: 4 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप लेकर चर्चा में रही सुदीक्षा भाटी की सड़क हादसे में मौत के बाद अब नई-नई बातें सामने आ रही हैं। जहां एक ओर सुदीक्षा के पिता जितेंद्र भाटी ने पुलिस पर गंभीर और संगीन आरोप लगाए हैं, तो वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि सुदीक्षा जिसकी बाइक से घर लौट रही थी, उसे चलाने वाला नाबालिग था। यह आरोप बुलंदशहर पुलिस का है। वहीं, बुलंदशहर के डीएम रविंद्र कुमार के मुताबिक, ये दुर्घटना का मामला है और बाइक सुदीक्षा का चचेरा नाबालिग भाई निगम चला रहा था और उन्होंने हेलमेट भी नहीं पहना था। यह कहा गया है कि अनियंत्रित बाइक लड़का संभाल नहीं पाया और आगे खड़ी बाइक से टक्कर हो गई। इसके बाद सुदीक्षा बाइक से गिरने से सुदीक्षा के सिर में चोट लगी। सूचना पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।

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पिता का दावा, बाइक भाई नहीं चाचा चला रहा था

वहीं, पिता जितेंद्र भाटी का कहना है कि गाड़ी सुदीक्षा का चाचा चला रहा था। पिता ने मांग की है कि पुलिस ढंग से जांच करे जिससे आरोपित पकड़े जाएं और भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। दादरी की रहने वाले सुदीक्षा भाटी के पिता जितेंद्र भाटी का यह भी आरोप है कि बुलंदशहर पुलिस ने अब तक किसी तरह का कोई सहयोग नहीं किया है। उनका कहना है कि सड़क हादसे के बाद जब पोस्टमार्टम हुआ तो उसके बाद मृत शरीर को घर तक लाने के लिए पुलिस की ओर से एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई गई।

मनचलों की हरकत ने ले ली होनहार की जान

गौरतलब है कि 4 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप लेकर यूपी का ही नहीं, बल्कि देश का भी नाम रौशन करने वाली सुदीक्षा भाटी सोमवार को बुलंदशहर में सड़क हादसे का शिकार हो गई। परिवार के लोगों की मानें तो वह अपने चाचा के साथ बाइक पर घर लौट रही थी। बुलंदशहर में कुछ मनचले लड़के उसे छेड़ रहे थे। उनसे बचने के लिए जैसे ही चाचा ने ब्रेक मारी उनकी बाइक का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें सुदीक्षा भाटी की जान चली गई। वहीं, चाचा का अस्पताल में इलाज चल रहा है। दादरी के बेहद साधारण परिवार से संबंध रखने वाली सुदीक्षा भाटी ने 2 साल पहले 2018 में जब 4 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप हासिल की थीं तो किसी ने सोचा तक नहीं था कि उसका इतना दर्दनाक अंत होगा।

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले की इस 19 वर्षीय छात्रा सुदीक्षा भाटी ने अपने मजबूत इरादे से अपना सपना सच कर दिखाया था, लेकिन जब सपने को जीने की बारी आई तो मनचलों की वजह से वह मारी गई। वहीं, दादरी में चाय की दुकान चलाने वाले पिता जितेंद्र भाटी सदमे में हैं। वहीं, सुदीक्षा की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता जितेंद्र भाटी का कहना है कि उनकी बेटी की हत्या हुई है, जबकि पुलिस का कहना है कि दुर्घटना के बाद परिवार की ओर से छेड़छाड़ के संबंध में कोई शिकायत नहीं दी गई थी।

पिता चलाते हैं ढाबा

सुदीक्षा भाटी के पिता जितेंद्र भाटी धूम मानिकपुर गांव में ही चाय की दुकान लगाते हैं। परिवार की बदहाल आर्थिक हालत ने कई बार सुदीक्षा की हिम्मत तोड़ी, लेकिन होनहार लड़की का जज्बा बरकरार रहा। यही वजह थी कि सुदीक्षा ने अपनी प्रतिभा के बल 24 अन्य भारतीय छात्रों के साथ स्कॉलर शिप हासिल की थी। 

4 साल के लिए गई थी अमेरिका

दादरी के धूम मानिकपुर गांव की रहने वाली छात्रा सुदीक्षा भाटी को अमेरिका के प्रसिद्ध बॉब्सन कॉलेज ने तकरीबन 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी थी। गांव में ही चाय की चलाने वाले पिता जितेंद्र भाटी बेहद कम पढ़े-लिखे हैं व सुदीक्षा की मां गीता भाटी घरेलू महिला हैं, लेकिन बेटी की मौत के बाद माता-पिता दोनों अंदर से टूट गए हैं। उन्होंने कैसे-कैसे अरमान सजाए थे सुदीक्षा के लिए, एक ही पल में सब चकनाचूर हो गए।  

सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में जिला टॉप किया था

शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा बुलंदशहर में विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी का संचालन किया जाता है, जहां गरीब परिवार के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। वर्ष 2011 में सुदीक्षा का चयन वहां के लिए हुआ था। 2018 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12 की परीक्षा के परिणाम में सुदीक्षा ने 98 फीसद अंक हासिल किए थे। इसके साथ उसने जिला टॉप भी किया था। सिकंदराबाद के दुल्हेरा गांव के विद्या ज्ञान स्कूल की छात्रा सुदीक्षा 12वीं में अंग्रेजी विषय में 95, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 96, भूगोल में 99, अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए थे। स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया गया था। जहां से स्कॉलरशिप दी गई थी।

यह भी जानें

  • अमेरिका के बॉबसन कॉलेज में 3.8 करोड़ की स्‍कॉलरशिप पर पढ़ाई कर रही ग्रेटर नोएडा में रहने वाली सुदीक्षा कोरोना के चलते घर आ गई थी।
  • 2018 में उन्‍हें फुल स्‍कॉलरशिप पर बॉबसन कॉलेज में एडमिशन मिला। सुदीक्षा को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सम्‍मानित कर चुके हैं।
  • सुदीक्षा ने पांचवीं तक की पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से की थी।
  • पढ़ाई में अच्छी होने के चलते उसने पिता जितेंद्र को जवाहर नवोदय विद्यालय और विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी के लिए तैयारी करने को राजी किया था। इसके बाद प्रवेश परीक्षा दी और फिर चयनित होकर विज्ञान लीडरशिप एकेडमी में 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में की थी।
  • विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा संचालित की जाती है। यह फाउंडेशन उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप मुहैया कराता है।

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