Noida News: 40 साल से काबिज जमीन छुड़ाई तो भड़के किसान, योगी के मंत्री का करेंगे घेराव; पुलिस ने संभाला मोर्चा
Farmers Protest In Noida Authority जमीन कब्जाने के मामले में नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों किसानों ने प्राधिकरण की तरफ कूच किया है। किसान यहां प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी का घेराव कर विरोध दर्ज कराएंगे।
नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। जमीन कब्जाने के मामले में नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों किसानों ने प्राधिकरण की तरफ कूच किया है। बता दें कि बृहस्पतिवार को प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी प्राधिकरण में समीक्षा बैठक करने वाले हैं। यहां पर किसानों ने मंत्री का घेराव करने की योजना बनाई है। दरअसल, नगली वाजिदपुर में 40 साल से जमीन पर काबिज किसान को प्राधिकरण ने बेदखल किया था। इस कार्रवाई के बाद से किसानों में रोष व्याप्त है। इसे लेकर पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को नोएडा आ रहे हैं। वे नोएडा-ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। आमजन की बेहतरी को हो रहे उपायों पर भी सवाल जवाब होंगे। इसको लेकर प्राधिकरणों में तैयारी की गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे कुछ परियोजनाओं का निरीक्षण भी कर सकते हैं।
नंदी के मंत्री बनने के बाद नोएडा का यह उनका दूसरा दौरा है। इससे पहले वह नोएडा स्थापना दिवस पर आए थे। इस बार वह तीनों प्राधिकरण की परियोजनाओं और नीतियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही उन परियोजनाओं पर अधिक फोकस रहेगा जो वर्षों से लटकी हैं।
प्राधिकरण की नासमझी से हो सकती थी कानून व्यवस्था की दिक्कत
एक्सप्रेस-वे कोतवाली क्षेत्र के नंगली वाजिदपुर गांव में बुधवार को प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था की दिक्कत हो सकती थी। बताया गया है कि प्राधिकरण की तरफ से महज एक दिन पहले मंगलवार शाम पुलिस को पत्र भेजकर फोर्स की मांग की गई। पुलिस की तरफ से फोर्स देने को समय मांगा गया तो प्राधिकरण के अधिकारी संबंधितों को फोन करते रहे। नंगली वाजिदपुर गांव में जिस जमीन से कब्जा हटाया गया है, उस जमीन पर 1981 से विजय सिंह नाम के किसान का कब्जा है। किसान ने आरोप लगाया है कि उन्होंने मुआवजा नहीं उठाया था। इसके बाद भी प्राधिकरण ने जमीन को अधिग्रहण कर इसे सपा नेता मनोज चौहान व अन्य के नाम कर दी। मनोज चौहान पक्ष को कब्जा दिलाने के लिए पुलिस को एक दिन पहले पत्र भेजकर सूचना दी गई और अतिरिक्त पुलिस बल मांगा गया।
कोतवाली प्रभारी की तरफ से जब इस संबंध में कुछ अधिक समय मांगा गया तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने अलग तरह से दबाव बनाना शुरू कर दिया। किसान विजय सिंह ने बताया कि उन्होंने 1981 में यह जमीन अपने पत्नी के नाम धर्मपाल से खरीदी थी। उसके बाद से वह जमीन पर काबिज है। उनके द्वारा मुआवजा नहीं उठाया गया है। उनकी बात को अनसुना कर जबरन जमीन अन्य लोगों के नाम प्राधिकरण ने कर दी।
बुधवार को हुई कार्रवाई के दौरान जितना पुलिस बल मौजूद रहना चाहिए था, उसके मुकाबले कम रहा। इसका मुख्य कारण कम समय में पुलिस पर कब्जा दिलवाने का दबाव बनाना था। यदि कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती तो हालात बिगड़ सकते थे। सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि इस प्रकरण में प्राधिकरण के एक अधिकारी ने पुलिस के एक अधिकारी को फोन कर जबरन तत्काल फोर्स देने का दबाव बनाया, तो दोनों के बीच तनातनी की स्थिति भी उत्पन्न हो गई।