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प्रसिद्ध साहित्यकार सुरेंद्र मोहन पाठक हुए कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती

सीएमओ डाॅ. दीपक ओहरी ने बताया कि साहित्याकार सुरेंद्र मोहन पाठक को शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी जिंदगी बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। साहित्यकार सुरेंद्र मोहन पाठक मूलरूप से अमृतसर पंजाब के निवासी है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 02:19 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 02:19 PM (IST)
प्रसिद्ध साहित्यकार सुरेंद्र मोहन पाठक हुए कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती
सिद्ध साहित्यकार सुरेंद्र मोहन पाठक कोरोना की चपेट में आ गए हैं।

 नोएडा, जागरण संवाददाता। ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा अस्पताल में सोमवार को प्रसिद्ध साहित्यकार सुरेंद्र मोहन पाठक कोरोना की चपेट में आ गए हैं। साहित्यकार सुरेंद्र मोहन पाठक मूलरूप से अमृतसर, पंजाब के निवासी है। उन्होंने मशहूर जेम्स बांड सीरीज का हिंदी अनुवाद किया और हिंदी भाषा के लगभग 300 थ्रिलर उपन्यास लिखे है। जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र मोहन पाठक और उनके बेटे सुनील को कोरोना होने के बा उन्होंने कई सरकारी व निजी अस्पतालों से संपर्क किया, लेकिन कहीं से भी मदद नहीं मिली। उसके बाद उनकी पत्नी और बेटी ने इंटरनेट मीडिया पर मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और पीड़ित परिवार से संपर्क किया।

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उनकी बेटी रीमा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया कि उनके पिता व भाई सुनील को कोरोना है। आक्सीजन का स्तर 65 से 78 के बीच रह गया है, चिकित्सकों ने उन्हें आक्सीजन स्पोर्ट की सलाह दी है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं। उनकी पोस्ट के बाद कई अन्य प्रसिद्ध लोगों ने उनके इलाज की गुहार लगाई।

इंटरनेट मीडिया पर उनकी पोस्ट से सरगर्मियां तेज हो गई। सीएमओ डाॅ. दीपक ओहरी ने बताया कि साहित्याकार सुरेंद्र मोहन पाठक को शारदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी जिंदगी बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

नोएडा में चार लैब लेकिन सिर्फ जिम्स और चाइल्ड पीजीआइ में हो रही जांच

वहीं, संक्रमण से जूझ रहे गौतम बुद्ध नगर में लोगों को आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट के लिए एक सप्ताह से दस दिनों तक का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। यह हालत तब है जब दो राष्ट्रीय संस्थानों समेत चार लैब में सैंपल की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना सैंपलों की जांच के लिए ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स और नोएडा स्थित चाइल्ड पीजीआइ में लैब है। यहां पर जिले के अलावा दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के करीब 12 जिलों के सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं। दोनों लैब की प्रतिदिन क्षमता चार हजार जांच करने की है, लेकिन यहां आठ हजार सैंपल पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि लोगों को रिपोर्ट मिलने में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वैसे तो जिले में दो राष्ट्रीय संस्थान में भी आरटी-पीसीआर जांच के लिए लैब बनी है, लेकिन दोनों लैब ने जिले के सैंपल लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं।


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