दिल्ली-NCR के दूसरे और दुनिया के चौथे सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट पर नया संकट
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में देरी होने की आशंका है क्योंकि इसने पर्यावरण के कई पहलुओं को पूरा नहीं किया है।
नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में देरी होने की आशंका है, क्योंकि पर्यावरण मंत्रालय की एक विशेषज्ञ समिति ने परियोजना को यह कहते हुए टालने की सिफारिश की है कि इसने पर्यावरण के कई पहलुओं को पूरा नहीं किया है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ आकलन समिति (ईएसी) ने एयरपोर्ट को विकसित कर रहे नागर विमानन निदेशालय, उप्र सरकार से पौधारोपण योजना और जलाशयों को बहाल करने के संबंध में सवाल करते हुए 7291 करोड़ रुपये की परियोजना को टाल दिया है।
समिति ने कहा, ‘ईएसी ने परियोजना को लेकर मुहैया कराई गई सूचना पर विचार-विमर्श किया। परियोजना को लेकर सौंपी गई पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआइए) रिपोर्ट में पाया गया कि प्रस्तावित एयरपोर्ट पर्यावरण के पहलुओं को कवर नहीं करता है।’ उसने उप्र सरकार को परियोजना में वनीकरण की योजना और वन विभाग से पेड़ों को काटने की अनुमति की स्थिति के बारे में वाकिफ कराने को कहा है।
समिति ने जलाशयों को बहाल करने की योजना, भारतीय वन्य जीव संस्थान के साथ परामर्श से जीव-जंतुओं के लिए संरक्षण की योजना के बारे में भी बताने को कहा है।
कमेटी ने कहा है कि टिप्पणी पर गौर करते हुए ईएसी ने प्रस्ताव को टालने की सिफारिश की है। उपरोक्त ब्योरे के समाधान के बाद प्रस्ताव पर फिर से विचार किया जाएगा। प्रस्तावित एयरपोर्ट आइजीआइ एयरपोर्ट से करीब 70 किमी की दूरी पर स्थित है।
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