Noida News: गौर ग्रीन सिटी सोसायटी में 60 घंटे में शुरू हुई विद्युत आपूर्ति
गौर सिटी सोसायटी का बिजली कनेक्शन करीब 60 घंटे बाद विद्युत निगम की ओर से जोड़ दिया गया है। इसके पहले डीजल जनरेटर से सोसायटी के बिजली आपूर्ति हो रही थी। प्रशासन की ओर से पीएम आवास योजना के तहत घर और आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता : इंदिरापुरम की गौर ग्रीन सिटी सोसायटी का बिजली कनेक्शन करीब 60 घंटे बाद विद्युत निगम की ओर से जोड़ दिया गया है। इसके पहले डीजल जनरेटर से सोसायटी के बिजली आपूर्ति हो रही थी। सोसायटी के विद्युत पैनल को ठीक करने के बाद कनेक्शन जोड़ने के दौरान करंट लगने से मृतक संविदा बिजलीकर्मी वीरू के परिवार को विद्युत निगम की ओर से पांच लाख रुपये, प्रशासन की ओर से पीएम आवास योजना के तहत घर और आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
साढ़े तीन हजार लोगों को हूई परेशानी
गौर ग्रीन सिटी सोसायटी में 760 फ्लैट हैं। यहां करीब साढ़े तीन हजार लोग रहते हैं। बृहस्पतिवार सुबह करीब तीन बजे विद्युत पैनल में फाल्ट से बिजली गुल हो गई थी। इसके बाद जनरेटर जलाकर सोसायटी के फ्लैटों में बिजली आपूर्ति दी जा रही थी। जनरेटर की बिजली 17 रुपये प्रति यूनिट थी, जबकि विद्युत निगम की बिजली करीब सात रुपये प्रति यूनिट थी। लोगों को 10 रुपये प्रति यूनिट ज्यादा देना पड़ रहा था इससे लोग परेशान थे। सोसायटी के आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने बताया कि करीब 60 घंटे बाद शनिवार दोपहर 3 बजे के आसपास विद्युत निगम की ओर से सोसायटी का कनेक्शन जोड़ा गया।
कनेक्शन जोड़ते समय हुई थी कर्मचारी की मौत
सोसायटी के बाहर विद्युत पैनल के ठीक होने के बाद शुक्रवार रात विद्युत निगम के संविदाकर्मी वीरू कनेक्शन जोड़ रहे थे। शटडाउन लेने के बाद भी उन्हें करंट लग गया, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उनके सहरकर्मियों का आरोप है कि शटडाउन देने में लापरवाही बरती गई थी। विद्युत निगम के अधिकारियों का कहना है कि कई सोसायटियों में जनरेटर चल रहे थे वहां से बैक करंट आया था। हादसे के बाद से कोई भी कर्मचारी सोसायटी का बिजली कनेक्शन जोड़ने नहीं जा रहा था।
मीटर की एमआरआइ से पता चलेगा कहां से आई बिजली
विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता मृत्युंजय पाठक का कहना है कि शनिवार को सोसायटी का कनेक्शन जोड़ दिया गया। विद्युत सुरक्षा निदेशालय से जल्द ही सोसायटियों व काला पत्थर विद्युत उपकेंद्र के मीटरों की एमआरआइ कराई जाएगी। इससे पता चलेगा कि कहां से करंट आया, जिससे वीरू की मौत हुई। इसके बाद जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
परिवार को घर के साथ आर्थिक सहयोग मिलेगा
करंट लगने से मृतक वीरू की पत्नी सुशीला गर्भवती हैं। उनकी 12 व 10 साल की बेटी दीपिका व राधा हैं। सात साल का बेटा वैभव है। शुक्रवार रात वीरू का शव रख परिवार व संविदा बिजलीकर्मियों ने मुआवजे की मांग कर रहे थे। इस दौरान एडीएम और विद्युत निगम के अधिकारी भी पहुंचे थे। अधिशासी अधिकारी मृत्युंजय का कहना है कि विद्युत निगम की ओर से पांच लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की कार्रवाई पूरी कर दी गई है। जल्द ही पैसा मिल जाएगा। विद्युत निगम के कर्मचारी भी आर्थिक मदद के लिए चंदा एकत्र कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को पीएम आवास योजना के तहत घर और पीएम राहत फंड से आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।
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