Dainik Jagran Education Forum 2022: 'रटा-रटाया ज्ञान नहीं, छात्र को सफल बनाना है नई शिक्षा नीति का उद्देश्य'
Dainik Jagran Education Forum 2022 दैनिक जागरण एजुकेशन फोरम 2022 के दूसरे सत्र में वैश्विक मानदंडों की कसौटी पर नई शिक्षा नीति विषय पर चर्चा की गई। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संतोष यादव समेत अन्य विशेषज्ञों ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला।
नोएडा [अंकुर त्रिपाठी। दैनिक जागरण एजुकेशन फोरम 2022 के दूसरे सत्र में वैश्विक मानदंडों की कसौटी पर नई शिक्षा नीति विषय पर चर्चा की गई। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संतोष यादव समेत अन्य विशेषज्ञों ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत छात्रों को रटे-रटाए ज्ञान से बाहर निकालकर उन्हें वैश्विक मानदंडों के अनुरूप तैयार करना है। संतोष यादव ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ था। आजादी को 2047 में 100 साल हो जाएंगें। आज जो बच्चा छह साल का है वह 2047 में 30 साल का हो जाएगा।
नई शिक्षा नीति भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बनाई गई है। पहले ज्ञान के लिए सिर्फ स्कूल-कालेज ही माध्यम थे, लेकिन अब इंटरनेट मीडिया के माध्यम से किसी के भी कंटेंट का लाभ सभी को मिल जाएगा। इस नीति से बच्चा खुद अपना हुनर सभी को बताएगा और एक शिक्षक की भूमिका में होगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य ही अच्छे मनुष्य का निर्माण करना हैं। अभी तक हम बच्चों के परीक्षा के नंबरों की चिंता करते हैं, लेकिन नई नीति में उन्हें अच्छा इंसान बनाने पर जोर रहेगा। एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक श्रीधर श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ल्ड मल्टी पोलर सिस्टम की ओर जा रहा हैं।
नई नीति के तहत पेरेंट्स और बच्चों पर कोई दवाब नहीं रहेगा। अंकों से बच्चों को जज नहीं किया जाएगा और बच्चे शिक्षा से ही तकनीकी रूप से भी सक्षम बनेंगे। नवोदय विद्यालय समिति के संयुक्त कमिश्नर जी आरुमुगम ने कहा कि हमारे देश में सभी के पास ज्ञान हैं। जब मैं स्टूडेंट था । तब की पढ़ाई में और अब की पढ़ाई में बहुत अंतर है।
नई शिक्षा नीति के माध्यम से हम बच्चों उनके भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। हमारे देश के बच्चे विदेश पढ़ाई करने नहीं जाएंगे। मायावती पोस्ट ग्रेजुएट कालेज के प्रोफेसर दिनेश शर्मा ने कहा कि नई नीति लागू होने के बाद उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर विदेशी छात्र आकर्षित होंगे।
इसके लिए हर यूनिवर्सिटी और हर कालेज एक आफिस बनाया जाएगा। नई नीति के तहत पढ़ाने के लिए पीएचडी की जरूरत नहीं है बल्कि एक मूर्तिकार भी अपनी कला छात्रों को सिखा सकेगा। वहीं,दूसरे सत्र में अंजना भागी ने पूछा की एक शिक्षक 80 बच्चों को पढ़ा रहा हैं।
संतोष यादव ने कहा कि डिजिटल तरीके से बच्चों को पढ़ाने के लिए 200 नए चैनल लांच करने जा रहे है। तपन ने पूछा कि शिक्षक इनफार्मेशन प्रोवाइडर नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के बिना तो ज्ञान ही पूरा नहीं होगा। सुरेंद्र गुप्ता के साथ एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी सवाल पूछा।