Coronavirus Vaccine: कहीं आप भी बीमारी छुपाकर तो नहीं लगवा रहे कोरोना वैक्सीन, बिगड़ सकती है हालत
Coronavirus Vaccine सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में शुक्रवार को बीमारी छिपाकर कोरोना का टीका लगवाना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। बिना चिकित्सीय सलाह के टीका लगने से व्यक्ति के मुंह से झाग निकलने लगे और रुक-रुक कर सांस आनी शुरू हो गई।
जागरण संवाददाता, दिल्ली/ नोएडा। सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में शुक्रवार को बीमारी छिपाकर कोरोना का टीका लगवाना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। बिना चिकित्सीय सलाह के टीका लगने से व्यक्ति के मुंह से झाग निकलने लगे और रुक-रुक कर सांस आनी शुरू हो गई। आनन-फानन में व्यक्ति को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। चिकित्सकों ने बीपी व शुगर की जांच कर उसका उपचार किया।
जानकारी के अनुसार, खोड़ा निवासी धीरेंद्र तिवारी (50) सेक्टर-63 स्थित नए निर्माणाधीन साइट पर काम करते हैं। उन्हें कुछ दिनों से सांस लेने में ज्यादा परेशानी हो रही थी। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वह शुक्रवार को सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में पहुंचे। टीका लगवाने से पहले स्वास्थ्यकर्मी ने उनसे किसी तरह की बीमारी इत्यादि के बारे में भी पूछताछ की, लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की परेशानी होने से इंकार कर दिया।
जिसके बाद उन्हें टीका लगाकर निगरानी में रहने को कहा गया। निगरानी कक्ष में थोड़ी देर बाद उनकी परेशानी बढ़नी शुरू हो गई। उनके मुंह से झाग निकलने लगे और सांस फूलनी शुरू हो गई और धीरे-धीरे वह अचेत अवस्था में आने लगे। तत्काल पीड़ित को इमरजेंसी में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। जिसके बाद उनकी तबीयत में सुधार हो गया। हार्ट रेट, बीपी, शुगर व अन्य गतिविधियां सामान्य होने के बाद उन्हें घर भेज दिया।
टीका लगवाने से पहले बीमारी की जानकारी देना जरूरी
सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने बताया कि कोरोना टीकाकरण केंद्र पर एक चिकित्सक की भी ड्यूटी लगाई गई है। दोनों टीके बिल्कुल सुरक्षित हैं, लेकिन इसके लिए कुछ मानक भी तय किए गए हैं। बताया कि कोई भी व्यक्ति यदि टीका लगवाने आता है तो उसे अपनी बीमारी के बारे में चिकित्सकों को जरूर बताया चाहिए।
टीका लगवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों का भी प्रयास रहता है कि रिपोर्ट ठीक होने के बाद ही टीका लगाया जाए। चूंकि अब 45 वर्ष से अधिक आयु के सामान्य लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया है। शासनादेश अनुसार किसी से उनकी बीमारी संबंधी मेडिकल सर्टिफिकेट भी नहीं लिया जा रहा है। बीमारी छिपाकर टीका लगवाने से शरीर में इसके दुष्प्रभाव होने की संभावना रहती है। कोरोना संक्रमित होने के बाद टीका लगाने के लिए तीन माह का समय निर्धारित है।