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अव्यवस्था की वजह से प्राइवेट क्वारंटाइन सेंटर की ओर चले मरीज, सैनिटाइजेशन की स्थिति बहुत खराब

क्वारंटाइन सेंटरों में खराब व्यवस्था से भयभीत होकर सरकारी की बजाय होटलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में जेब ढीली कर भर्ती हो रहे हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 02:37 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 02:37 PM (IST)
अव्यवस्था की वजह से प्राइवेट क्वारंटाइन सेंटर की ओर चले मरीज, सैनिटाइजेशन की स्थिति बहुत खराब
अव्यवस्था की वजह से प्राइवेट क्वारंटाइन सेंटर की ओर चले मरीज, सैनिटाइजेशन की स्थिति बहुत खराब

 ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। क्वारंटाइन सेंटरों पर व्याप्त अव्यवस्था ने प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी है। सेंटरों पर सफाई व सैनिटाइजेशन की स्थिति बहुत खराब है। सेंटरों पर पहुंचने वाले लोग अव्यवस्था के कारण भयभीत रहते हैं। यही कारण है कि पैसे के मामले में जिन लोगों की आर्थिक स्थिति थोड़ी अच्छी है, वह सरकारी की बजाय होटलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में जेब ढीली कर भर्ती हो रहे हैं।

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कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले लोगों में भी संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। इसे देखते हुए संक्रमित व्यक्ति से जानकारी के बाद कुछ दिनों के दौरान उसके संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटाइन के लिए भर्ती किया जाता है। ऐसे लोगों को भर्ती करने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। सेंटर प्रमुख रूप से निजी कॉलेज व विवि के हॉस्टल में बनाए गए हैं। भर्ती होने वाले लोगों को जिला प्रशासन की ओर से खाना व नाश्ता उपलब्ध कराया जाता है। नियम के तहत सेंटर पर सुबह-शाम सफाई होनी चाहिए।

समय-समय पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। न तो नियमित सफाई होती है न ही सैनिटाइज। खाना लेने के लिए भी लोगों को लाइन लगानी पड़ती है। नियम के तहत भर्ती होने वाले सभी लोगों के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए, लेकिन गिनती के शौचालय का प्रयोग 50 से अधिक लोगों को करना होता है। कुछ दिन पहले डिस्चार्ज हुए चैनपाल ने बताया पीने के लिए दिन में दो बार ही पानी की बोतल मिलती है। उसके बाद पानी नहीं मिलता। कहा जाता है बाथरूम में लगी टोटी से पानी पीएं। सेंटर पर विभिन्न परेशानियों के संबंध में कोई सुनने वाला ही नहीं है। जांच अधिकारी कभी-कभार आते हैं। नीचे की बिलडिंग के कुछ कमरों में ही जांच कर वापस लौट जाते हैं। उन्होंने बताया जांच के बाद कोरोना की रिपोर्ट के संबंध में भी कोई बताने वाला नहीं रहता है। जांच के बाद रिपोर्ट छह मई को आ गई थी। लगातार प्रयास के बाद दस मई को जानकारी दी गई।

नियम के तहत यह होनी चाहिए व्यवस्था

- सेंटर पर शारीरिक दूरी के नियम का हो पालन

- सभी के लिए प्राइवेट शौचालय की सुविधा

- नियमित स्वच्छता के साथ हो सैनिटाइज

- सफाई कर्मचारियों की 24 घंटे हो ड्यूटी

- खाना, नाश्ता के साथ शुद्ध पेयजल की हो व्यवस्था

- सोने के लिए दिए जाएं बेड

- क्वारंटाइन लोगों के स्वास्थ्य की नियमित जांच हो

- समस्या का तत्काल किया जाए निस्तारण

नरेंद्र भूषण, जिला प्रभारी अधिकारी कोविड-19 ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटरों पर नियमित रूप से जांच कराई जाती है। जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाता है। लोगों की जो शिकायतें आ रही हैं, उसकी जांच कराई जाएगी। लापरवाह लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।


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