Coronavirus LockDown: रेड जोन में फंसा देश का हस्तशिल्प उद्योग, 15000 करोड़ का नुकसान तय
Coronavirus LockDown यूरोप अमेरिका यूके समेत तमाम देशों से कोरोना की चपेट में आने से 15000 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर सप्लाई में लटक गया है।
नोएडा [कुंदन तिवारी]। Coronavirus LockDown: कोरोना वायरस (Covid-19) महामारी की चपेट में आने से देश का हस्तशिल्प उद्योग रेड जोन में फंस गया है। इस उद्योग को 15000 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम की चपत लगना तय माना जा रहा है। आठ हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर तो मौजूदा समय में ही खरीदार रद कर चुके हैं, जबकि तीन हजार करोड़ रुपये का तैयार ऑर्डर नोएडा की इकाइयों से लेकर मुंबई पोर्ट पर फंसा पड़ा है। वहीं, फंसे माल की राहत के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्रॉफ्ट ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है।
निर्यातकों का कहना है कि कुल 23 हजार करोड़ रुपये का हस्तशिल्प कारोबार है। सर्वाधिक निर्यात उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से होता है। 2020 के लिए ऑर्डर की सप्लाई अगस्त सितंबर तक की जानी है, लेकिन यूरोप, अमेरिका, यूके समेत तमाम देशों से कोरोना की चपेट में आने से 15000 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर सप्लाई में लटक गया है।
मुंबई पोर्ट पर फंसा 1000 करोड़ का ऑर्डर
जनवरी का एक हजार करोड़ रुपये का तैयार ऑर्डर सप्लाई हुआ था, लेकिन वह मुंबई पोर्ट में फंसा हुआ है, जबकि फरवरी में दो हजार करोड़ रुपये का तैयार ऑर्डर फैक्ट्री में डंप पड़ा है। मार्च में होली के बाद लॉकडाउन के कारण संकट खड़ा हो गया। अब खरीदारों की ओर से आइ हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर रद कर दिया गया है। जबकि लॉकडाउन के कारण 4 हजार करोड़ रुपये का ऑर्डर तैयार नहीं किया जा सकता।
हस्तशिल्प कारोबार की स्थिति :
वर्ग संख्या
कुल निर्यातक 11000
कुल कारोबार 23,000 करोड़ रुपये
उत्तर प्रदेश 5000 हस्तशिल्प निर्यातक
शहर उत्पाद
आगरा स्टोन हैंडीक्रॉफ्ट
सहारनपुर वुड क्रॉफ्ट
मुरादाबाद मेटल क्रॉफ्ट
अलीगढ़ मेटल क्रॉफ्ट
रामपुर एम्ब्रोइडरी फैब्रिक
नोएडा ओवर ऑल
राजेश कुमार जैन, एमडी, एक्समार्ट इंटरनेशनल (वर्तमान अध्यक्ष सोशल मीडिया, पूर्व उपाध्यक्ष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीकॉफ्ट) के मुताबिक, हस्तशिल्प निर्यातकों का यह सीजन होता है, पिछले वर्ष तक 15 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका था। सरकार से जीएसटी समेत अन्य मद में पड़ा पैसा जल्द रिलीज करने का आग्रह किया है।
वहीं, राकेश कुमार (महानिदेशक, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीकॉफ्ट) का कहना है कि पूरा हस्तशिल्प उद्योग निर्यात पर आधारित है, निर्यातकों को नुकसान होने से उद्योग हाशिए पर चला गया है। सरकार से राहत मांगी है, कुछ सुझाव भी दिए है, इंतजार किया जा रहा है।