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CAG ऑडिट में 100 से अधिक आपत्तियां, प्राधिकरण अधिकारी नहीं दे रहे जवाब Noida News

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार मार्च 2017 में बनी। इसके बाद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले नोएडा प्राधिकरण में सीएजी ऑडिट की अनुमति दी।

By Edited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 03:19 PM (IST)
CAG ऑडिट में 100 से अधिक आपत्तियां, प्राधिकरण अधिकारी नहीं दे रहे जवाब Noida News
CAG ऑडिट में 100 से अधिक आपत्तियां, प्राधिकरण अधिकारी नहीं दे रहे जवाब Noida News

नोएडा[कुंदन तिवारी]। प्राधिकरण के अधिकारियों की कार्यशैली उन्हीं पर भारी पड़ रही है। दो साल से प्राधिकरण में सीएजी ने ऑडिट किया और अपनी रिपोर्ट में सौ से ज्यादा मामलों पर आपत्ति दर्ज की लेकिन अभी तक इनका जवाब नहीं दिया गया। सीएजी और उत्तर प्रदेश शासन ने सीईओ से इसकी शिकायत की जिसके बाद बैठक बुलाई गई।

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सीईओ ने सभी विभागाध्यक्षों की क्लास लगाते हुए एक माह का समय दिया है जिसमें सभी आपत्तियों के जवाब दाखिल करने को कहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार मार्च 2017 में बनी। इसके बाद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले नोएडा प्राधिकरण में सीएजी ऑडिट की अनुमति दी।

सीएजी की ऑडिट में सौ से ज्यादा मामलों पर आपत्तियां दर्ज 
इससे पहले प्राधिकरण अपने स्तर पर ऑडिट करता था। प्राधिकरण में सीएजी की ऑडिट में सौ से ज्यादा मामलों पर आपत्तियां दर्ज हुई हैं। इसमें सिर्फ पांच फीसद आपत्तियों के जवाब दिये गए हैं जबकि 95 फीसदी आपत्तियां जस की तस पड़ी हुई हैं। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी ने बैठक बुलाई जिसमें सभी विभागाध्यक्ष शामिल हुए। इसमें सीईओ ने साफ कर दिया कि सभी आपत्तियों का एक माह में जवाब दाखिल कर दिया जाए। अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिल्डरों को छूट देने पर आपत्ति
प्राधिकरण ने 2007 से 2015 के बीच तमाम ग्रुप हाउसिंग योजनाएं निकाली। इस दौरान बिल्डरों को विशेष छूट दी गई, जिसके लिए नियमों में भी बदलाव किया गया। इस बिंदु पर भी सीएजी ने आपत्ति दर्ज की है क्योंकि नियम बदलने के कारण बिल्डरों ने इसका फायदा उठाया और प्राधिकरण को आज तक भुगतान नहीं किया। इन पर लगी आपत्तियों का जवाब अब तक प्राधिकरण अधिकारियों ने नहीं दिया।

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