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राजनाथ के बेटे का माया पर पलटवार- संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करें’

मायावती और अखिलेश यादव को जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए। उन्हें अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए। साथ ही आत्मचिंतन करना चाहिए।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 14 Mar 2017 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2017 06:52 PM (IST)
राजनाथ के बेटे का माया पर पलटवार- संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करें’
राजनाथ के बेटे का माया पर पलटवार- संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करें’

नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने एतिहासिक जीत हासिल की है। वहीं, यूपी में भाजपा के लिए पांचवीं सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली नोएडा विधानसभा सीट पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज  सिंह ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की है। 

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उत्तर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी पंकज सिंह के चेहरे पर वही मुस्कुराहट, सरलता और सामने वाले के प्रति सम्मान का भाव दिखा, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। भाजपा से नोएडा का टिकट मिलने के बाद महज पंद्रह दिन का वक्त मिलने के बाद ही अपने इसी स्वभाव के कारण पंकज सिंह ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

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उन्हें भले ही उत्तर प्रदेश सरकार में बड़ी भूमिका निभाने वाले नेता के तौर पर देखा जा रहा हो, लेकिन वह खुद को एक सामान्य कार्यकर्ता बताते हैं। साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के निर्देश के हिसाब से काम करने की इच्छा जताते हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री और रिकार्ड मतों से विजयी हुए पंकज सिंह से 'दैनिक जागरण' के वरिष्ठ संवाददाता ललित विजय ने कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। 

1. पंकज सिंह अपनी ऐतिहासिक जीत का श्रेय किसे देंगे?
- उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी जी की लहर थी। संगठन को अमित शाह जी का नेतृत्व प्राप्त था। नोएडा के वरिष्ठ नेता डॉ. महेश शर्मा, विमला बॉथम, नवाब सिंह नागर समेत पूरी जनता का सहयोग मुझे प्राप्त हुआ। मैं समझता हूं, मेरी जीत के नायक यही लोग हैं। मैं एक-एक कार्यकर्ता का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरी जीत के लिए रात-दिन एक कर दिया।

2. बसपा सुप्रीमो मायावती ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगा रही हैं। अखिलेश यादव और लालू यादव ने उनका समर्थन भी किया है ?
- मायावती और अखिलेश यादव को जनता के फैसले का सम्मान करना चाहिए। उन्हें अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए। साथ ही आत्मचिंतन करना चाहिए। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर अंगुली उठाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। मायावती का बयान उनकी हताशा को दर्शाता है। उन्हें किसी पर आरोप लगाने की बजाय सेल्फ सेंटर राजनीति से बाहर आकर सबको साथ लेकर चलने की आदत डालनी चाहिए।

3. अखिलेश यादव ने नारा दिया था, 'काम बोलता है'। परिणाम देखकर तो लगता है जनता को उनका काम पसंद नहीं आया?
- अखिलेश यादव का काम नहीं कारनामा बोल रहा था। उन कारनामों को देखकर ही जनता ने अपना निर्णय दिया है। काम होता है तो वह जरूर बोलता है। अखिलेश यादव को नरेंद्र मोदी जी से सीखना चाहिए, जिनका काम वास्तव में बोलता है।

4. उत्तर प्रदेश की जनता को अखिलेश और राहुल का साथ क्यों पसंद नहीं आया?
- यह तो पहले से तय था कि यह साथ पसंद आने वाला नहीं है। एक की(राहुल) पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी थी, दूसरे की(अखिलेश) कारनामों और गुंडाराज में, ऐसे साथ को कौन पसंद करता?


5. प्रदेश सरकार में पंकज सिंह की भूमिका क्या होगी?

- मैं बेहद सामान्य कार्यकर्ता हूं। पार्टी ने विधायक बनने का मौका दिया। जैसी मेरी भूमिका पार्टी तय करेगी, वह करूंगा।

जानें पंकज सिंह के बारे में

मूल निवास - चंदौली, उत्तर प्रदेश
जन्म - 1978
शिक्षा - एमबीए दिल्ली विश्वविद्यालय
राजनीतिक जीवन - वर्ष 2001 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत। 2004 में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य। 2009 में भाजपा प्रदेश सचिव। 2011 में प्रदेश महामंत्री बने।  2007 में अटल बिहारी वाजपेयी ने वाराणसी से टिकट दिया, लेकिन चुनाव नहीं लड़े। अब नोएडा से विधायक बनें हैं। 


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