अखिलेश यादव के करीबी हुए फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा तो भाजपा ने मांग लिया घोषणा पत्र
UP Assembly Election 2022 फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने सपा का दामन थाम लिया है और भाजपा की तरफ से घोषणा पत्र में शहर के मुद्दों को शामिल करने के लिए फोनरवा से सुझाव मांगे जा रहे हैं।
नोएडा [वैभव तिवारी]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की आहट होते ही शहर में राजनीतिक उठा-पटक तेज हो गई है। इसमें सबसे बड़े आरडब्ल्यूए संगठन फेडरेशन आफ नोएडा रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) के पदाधिकारी भी अपने राजनीतिक विचार से लोगों को जोड़ने की कोशिश के साथ दूसरी पार्टियों पर तंज कसने में जुट गए हैं। इससे फोनरवा के लोग गुटों में बंटने के साथ इंटरनेट मीडिया पर भी भिड़ रहे हैं। फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने सपा का दामन थाम लिया है और भाजपा की तरफ से घोषणा पत्र में शहर के मुद्दों को शामिल करने के लिए फोनरवा से सुझाव मांगे जा रहे हैं। हालांकि फोनरवा पदाधिकारियों की तरफ से भाजपा के नीति शोध विभाग को सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया है।
वहीं, आपस में भिड़ रहे आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के साथ स्थानीय निवासियों में सबसे अधिक खींचतान वर्तमान में सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं में देखने को मिल रही है। जिसमें एक पक्ष समाजवादी पार्टी के मजबूती का दावा करता है, तो दूसरा पक्ष भाजपा के दावों पर मुहर लगा रहा। इन सबके बीच फोनरवा के महासचिव केके जैन सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं कि फोनरवा सामाजिक संगठन हैं। जिसमें भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा और आप सहित अन्य राजनीतिक पार्टी और विचारों के लोग शामिल हैं।
अध्यक्ष के सपा में शामिल होने के बाद बढ़ी सरगर्मी
फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा द्वारा लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में सपा की सदस्यता लेने के बाद फोनरवा से जुड़े राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं की सक्रियता तेज हो गई हैं। फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा के सपा में शामिल होने से भाजपा समर्थक नाराज हैं। जिसके बाद भाजपाई फोनरवा से जुड़े लोगों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच एक व्यक्ति ने तंज कसते हुए कहा कि पूरी फोनरवा सपा में शामिल हो गई है। तो फिर भाजपा के घोषणा पत्र में अपनी मांग क्यों सौंप रहे हैं। क्या फोनरवा को लग रहा है कि भाजपा दोबारा से आ रही है। इस पर फोनरवा महासचिव ने सफाई देकर कहा कि फोनरवा गैर राजनीतिक संगठन है।