स्मार्ट क्लीनिक से सुदूर गांवों में मिल रही बेहतर उपचार की सुविधा, एम्स के कई डाक्टर भी जुड़े
नोएडा में चेकअप कराने पहुंचे विनोद कुमार कहते हैं कि यह नया तरीका इससे कई तरह की सहूलियत भी है। दूरदराज में लोगों को भी बेहतर उपचार इससे मिल पाएगा। चंद्रपाल सिंह बताते है कि स्मार्ट क्लीनिक में चेकअप पूरा कराया है। ऐसी सुविधा गांव में भी होनी चाहिए।
वैभव तिवारी, नोएडा : दो युवा इंजीनियर और एक डाक्टर ने मिलकर स्वस्थ समाज और स्वावलंबन की परिकल्पना पर आधारित एसा स्मार्ट क्लीनिक तैयार किया है जिसमें टेलीकंसल्टेशन के माध्यम से आमजन विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श व उपचार ले सकेंगे। कियोस्क यानी एक छोटे से केबिन में बना यह स्मार्ट क्लीनिक सुदूर गांवों में लोगों को उच्च श्रेणी की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होगा। सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः के उद्देश्य के साथ शुरू किए गए उपक्रम में डिजिटल स्टेथोस्कोप से नर्वस की रियल टाइम वाइस ब्लूटूथ के जरिये डाक्टर सुनकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। डिजिटल आटोस्कोप से गले, कान व नाक व त्वचा की रियल टाइम सूक्ष्म तस्वीर डाक्टर के पास भेजी जाती है। सिक्स इन वन मानीटर से ईसीजी, ब्लड, ग्लूकोज, रक्तचाप, शुगर, तापमान व दिल की धड़कन मापी जाती है। परामर्श के लिए व्यक्ति को 150 रुपये की राशि देनी होती है।
यह क्लीनिक रमा रमण मिश्रा, हर्षवर्धन पांडेय औऱ डा तुषार आनंद ने मिलकर बनाया है। रमारमण इलेक्ट्रानिक्स और हर्षवर्धन सिविल इंजीनियर हैं। हर्षवर्धन पांडेय ने एक स्टार्टअप कंपनी इओनमेड बनाकर सौर उर्जा क्षेत्र में काम करना आरंभ किया। स्मार्ट क्लीनिक इसी स्टार्टअप द्वारा तैयार प्रोजेक्ट है। डाक्टर तुषार आनंद पटना पटना व दिल्ली एम्स में जूनियर रेजिडेंट डाक्टर रहे हैं। अपने क्षेत्र की विशेषज्ञताओं का प्रयोग कर इन्होंने यह क्लीनिक बनाया है। रमा रमण मिश्रा बताते हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा को ध्यान में रखकर स्मार्ट क्लीनिक तैयार किया गया है। इससे कम खर्च में देश के प्रतिष्ठित डाक्टरों से लोग उपचार करा सकेंगे। क्लीनिक में मौजूद नर्स द्वारा डाक्टर की सलाह पर मरीज का उपचार किया जाएगा। यह ग्रामीण क्षेत्र में काफी उपयोगी साबित होगा।
सौर व वायु ऊर्जा से भी संचालित
स्मार्ट क्लीनिक का संचालन बिजली के अलावा सौर व वायु उर्जा द्वारा भी किया जा सकता है। यह कियोस्क सैन्य स्तर की मजबूती के साथ साउंड प्रूफ भी है। 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति वाली हवा में भी क्लीनिक संचालित किया जा सकता है। क्लीनिक की कीमत साढ़े सात लाख रुपये है। फ्रेंचाइजी पर कंपनी इसकी इकाइयां बेच रही है। इसमें कंपनी से जुड़े डाक्टरों की तरफ से सलाह दी जाएगी। स्मार्ट क्लीनिक में करीब आठ घंटे में सत्तर लोग उपचार करा सकते हैं।
पीएचसी, सीएचसी से जोड़ने का विचार
स्मार्ट क्लीनिक को पीएचसी व सीएचसी से भी जोड़ने का भी विचार है। इसके लिए प्रोजेक्ट के संचालक कई राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार से वार्ता करने प्रयास में जुटे हैं। साथ ही, फ्रेंचाइजी के जरिये देश में आंत्रप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा देने का प्रयास है। कई राज्य सरकारों के साथ केंद्र सरकार से वार्ता करने प्रयास में जुटे है। आरंभिक चरण में कानपुर, हिसार, चंडीगढ़, बांदा, औरंगाबाद, नोएडा के अलावा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, और झारखंड में 200 जगहों पर स्मार्ट क्लीनिक लगाए जा रहे हैं।
एम्स के डाक्टर रहे हैं सलाहकार
पटना एम्स में टेली मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डाक्टर अनिल कुमार स्मार्ट क्लीनिक बनाने में पथ प्रदर्शक रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में पटना एम्स के साथ दिल्ली एम्स के भी कई डाक्टर जुड़े हुए हैं। कंपनी की तरफ से क्यूआर कोड स्कैन करके सीधे डाक्टर से सलाह लेने, सलाइवा बेस्ड कोरोना टेस्टिंग करने के साथ कंपनी की तरफ से फर्स्ट एड बाक्स के साथ एक वर्ष के लिए डाक्टर की मुफ्त सलाह का पैकेज दिया जाता है। हर्षवर्धन पांडेय ने बताया कि 2019 नवंबर में स्टार्टअप शुरू किया था। हमारा उद्देश्य शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी बेहतर उपचार उपलब्ध कराना है।
लोगों ने सराहा
नोएडा में चेकअप कराने पहुंचे विनोद कुमार कहते हैं कि यह नया तरीका, इससे कई तरह की सहूलियत भी है। दूरदराज में लोगों को भी बेहतर उपचार इससे मिल पाएगा। चंद्रपाल सिंह बताते है कि स्मार्ट क्लीनिक में चेकअप पूरा कराया है। ऐसी सुविधा गांव में भी होनी चाहिए।