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Obscene videos of Gautam Budh Nagar SSP: अश्लील वीडियो मामले में कई खुलासों का इंतजार

obscene videos of Gautam Budh Nagar SSP गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव का कथित वीडियो वायरल होन के बाद यूपी की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 08:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:07 PM (IST)
Obscene videos of Gautam Budh Nagar SSP: अश्लील वीडियो मामले में कई खुलासों का इंतजार
Obscene videos of Gautam Budh Nagar SSP: अश्लील वीडियो मामले में कई खुलासों का इंतजार

नोएडा, जेएनएन। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव का कथित वीडियो वायरल होन के बाद यूपी की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है। पिछले कुछ सालों के दौरान यह पहला वाकया है, जब एक आइपीएस अधिकारी की शिकायत खुले रूप से शासन तक पहुंची। इतना ही नहीं मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डीजीपी को बाकायदा पत्रकार वार्ता कर इस मुद्दे पर अपनी सफाई देनी पड़ी। 

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बता दें कि मेरठ के एक पत्रकार ने मेरठ के आईजी को दी शिकायत में कहा है कि गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्णा के कथित तौर पर कुल 3 वीडियो वायरल हुए हैं। बाद में पता चला कि एक वीडियो नोएडा, दूसरा गाजियाबाद और तीसरा वीडियो मेरठ से वायरल हुआ, हालांकि इस बात की जांच जारी है। 

एसएसपी के कथित वीडियो की जांच शुरू

बता दें कि एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वायरल वीडियो मामले की जांच के मद्देनजर इससे जु़ड़े दस्तावेज हापुड़ पुलिस के हवाले कर दिए गए हैं। इसी के साथ हापुड़ पुलिस ने इसकी जांच भी तेज कर दी है। 

नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ से वायरल हुआ वीडियो

जांच के दौरान यह बात भी सामने आ रही है कि एसएसपी का कथित वीडियो दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ से वायरल हुआ। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अब पुलिस, स्थानीय एजेंसियां और एटीएस भी सक्रिय हो गई है। माना जा रहा है कि इसके पीछे पूरी साजिश थी। ऐसे में जांच में जुटी पुलिस अब आइपी एड्रेस की मदद से कॉल डिटेल निकालने की भी तैयारी चल रही है।  इसी के साथ जांच आगे बढ़ने से कई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। 

इससे पहले गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के शासन को भेजे गए गोपनीय पत्र से पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार को लेकर उठे गंभीर सवालों के बीच आखिरकार शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजीपी ओपी सिंह सामने आए। बुधवार रात एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वीडियो को लेकर की गई प्रेसवार्ता के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम ने लखनऊ तक जो सनसनी फैलाई, उसके करीब 36 घंटे बाद डीजीपी को भी प्रेसवार्ता करनी पड़ी। अपर मुख्य सचिव गृह की मौजूदगी में डीजीपी ने स्वीकार किया कि गोपनीय पत्र भेजा गया था, जिसकी जांच शासन के निर्देश पर एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार से कराई जा रही है। 26 दिसंबर को एडीजी के आग्रह पर उन्हें जांच के लिए 15 दिन का और समय भी दिया गया है। हालांकि यह साफ नहीं किया कि एडीजी को जांच कब सौंपी गई थी। गोपनीय पत्र लीक करने को लेकर वैभव कृष्ण से स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है, जिसके साथ ही उन पर जल्द कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है।

डीजीपी ने कहा कि 23 अगस्त को गौतमबुद्ध नगर के थाना बीटा टू में पांच मीडियाकर्मियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी, जो भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ अधिकारियों को ब्लैकमेल कर रहे थे। विवेचना में संकलित साक्ष्यों के विश्लेषण से आरोपितों की पुलिस विभाग के कतिपय अधिकारियों के साथ मिलीभगत में इनकी संलिप्तता सामने आई। इसे लेकर एसएसपी गौतमबुद्ध नगर वैभव कृष्ण ने शासन व डीजीपी को संबोधित दो पत्र भेजकर पूरे तथ्यों की जानकारी व कुछ गोपनीय दस्तावेज शासन को भेजे थे। पत्र में राजपत्रित व अराजपत्रित अधिकारियों व कुछ निजी व्यक्तियों पर आरोप हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय से उस शिकायत को गृह विभाग भेजा गया था और गृह विभाग ने पत्र की जांच के लिए उसे डीजीपी मुख्यालय भेजा था। पत्र के सभी तथ्यों की जांच एडीजी मेरठ जोन कर रहे हैं। जांच में कई विश्लेषण और तथ्यों की पड़ताल के लिए एडीजी ने 15 दिन के अतिरिक्त समय की मांग की थी। 

नोए़डा में पुलिस महकमे में हलचल तेज

गौतमबुद्ध नगर के पुलिस विभाग में दो दिन पहले तक सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन आज हालात बदले-बदले नजर आ रहे हैं। हेड कांस्टेबल से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों के चेहरे पर एक ही सवाल है। अब क्या होगा? क्या पुलिस कप्तान के खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी? या फिर उन अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरेगी, जिनके नाम गोपनीय जांच रिपोर्ट में हैं। विभागीय लोग सवाल का जवाब भी अपने अंदर ही खोजने का प्रयास कर रहे हैं। खुद ही साथ वाले से सवाल पूछते हैं और जवाब देते हुए कहते हैं, देखें शासन क्या करता है। हालांकि इस सबके बीच सभी यह जानने का प्रयास भी कर रहे हैं कि आखिर एसएसपी को यह गोपनीय जांच उजागर क्यों करनी पड़ी।

शुक्रवार को सुबह से ही जिले के प्रशासनिक अमले के लोगों की निगाहें शासन के अगले कदम पर लगी हुई थीं। दोपहर बारह बजे जैसे ही डीजीपी ओपी सिंह व अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी प्रेस कांफ्रेंस के लिए आए, सरकारी कार्यालयों में लोगों ने टीवी स्क्रीन पर नजरें टिका दीं। डीजीपी ने 20 मिनट की प्रेस कांफ्रेंस में अपना पक्ष रखा और गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी को पुलिस सर्विस रूल्स का हवाला देते हुए गोपनीय जांच रिपोर्ट वायरल करने पर जवाब देने की बात कही। उन्होंने गोपनीय जांच रिपोर्ट पर भी अपनी बात रखी और कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई होगी।

पहले होती कार्रवाई तो यह नौबत न आती

विभागीय अधिकारी अंदर खाने चर्चा करने लगे हैं कि आखिर शासन स्तर पर इतने समय तक जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। सवाल यह भी है कि अगर कार्रवाई हुई होती तो शायद वैभव को जांच रिपोर्ट वायरल करने की जरूरत न पड़ती।

कथित वीडियो वायरल होने के बाद से मचा है हड़कंप

एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण का कथित आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ था। बुधवार को मामला संज्ञान में आने पर रात करीब नौ बजे उन्होंने कैंप कार्यालय पर कांफ्रेंस कर उस कथित आपत्तिजनक वीडियो को माफ्र्ड (फर्जी) बताया था। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि नवंबर माह में उन्होंने एक संवेदनशील रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय सहित उच्च अधिकारियों को भेजी थी। इन सब की वजह से ही उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने उस रिपोर्ट की कॉपी भी मीडियाकर्मियों को मुहैया कराई थी।

सोशल मीडिया पर तेज हो रही मुहिम

वैभव कृष्ण ने गौतमबुद्ध नगर में पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें की हैं। कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उन्होंने कई बड़े गैंग पर कार्रवाई की। वहीं दूसरी ओर जनसुनवाई के दौरान लोगों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए भी पुलिसिंग को सख्त किया है। इसी को लेकर नोएडा में उनके चाहने वालों की अच्छी खासी संख्या है। बृहस्पतिवार से ही इसका सोशल मीडिया पर असर साफ दिख रहा है। आई सपोर्टएसएसपीनोएडा के नाम से कैंपेन ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। फेसबुक व वॉट्सएप ग्रुपों पर भी वैभव के समर्थन में मुहिम लगातार जारी है।


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