7 घंटे बाद डॉक्टरों ने जोड़ा कटा हुआ हाथ, नोएडा के जेपी अस्पताल में हुआ दुर्लभ ऑपरेशन
स्वजनों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि हाथ को दोबारा जोड़ा जा सकेगा लेकिन जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने यह कर दिखाया।
नोएडा [आशीष धामा]। दिल्ली सटे नोएडा में जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने दुर्लभ सर्जरी को अंजाम देकर एक शख्स के कटे हाथ को फिर जोड़ दिया, जो कटकर जमीन पर गिर पड़ा था। दरअसल, डॉक्टरों को धरती के भगवान का दर्जा दिया गया है, बुधवार को जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने कटे हुए हाथ को सात घंटे तक सर्जरी कर जोड़कर यह साबित भी कर दिया। इससे जहां एक और चिकित्सकों पर मरीजों का विश्वास बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर मरीज को नई जिंदगी मिल गई है।
ग्रेटर नोएडा में मामूली विवाद में हुए खूनी संघर्ष में युवका का हाथ कटकर जमीन पर गिर पड़ा। स्वजन युवक का कटा हुआ हाथ एक बॉक्स में रखकर पीड़ित के साथ नोएडा के जेपी अस्पताल पहुंचे। अतिरिक्त निदेशक प्लास्टिक एंड ऐस्थेटिक डॉ. अभिषेक राय का (Dr. Ashish Rai, Additional Director Plastic, Aesthetic & Reconstuctive Surgery Jaypee Hospital) ने बताया कि ऑपरेशन के लिए प्लास्टिक सर्जन डॉ. सौरभ कुमार और अन्य प्लास्टिक सर्जन डॉ. आशीष राय के नेतृत्व में 5 सदस्यों वाली चिकित्सीय टीम बनाई गई। मंगलवार शाम को 4 बजे से शुरू हुआ ऑपरेशन रात 1 बजे तक चला। अच्छी बात यह रही कि सर्जरी सफल रही और कटा हुआ हाथ जुड़ गया है।
बता दें कि दो दिन पूर्व ग्रेटर नोएडा के कासना थाना अंतर्गत नियाना गांव में दो पक्षों के बीच रास्ते के विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हो गया था। हमले में नियाना निवासी देवेंद्र का हाथ कटकर जमीन पर गिर गया, जबकि उसके चाचा बिजेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पीड़ित देवेंद्र का जेपी में इलाज चल रहा था। स्वजनों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि हाथ को दोबारा जोड़ा जा सकेगा, लेकिन जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने भगवान की तरह देवेंद्र का हाथ जोड़कर उसे नई जिंदगी दी है।
उधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज को गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर आया गया था। करीब सात घंटे तक हुई सर्जरी के बाद हाथ को जोड़ा जा सका। यह एक दुर्लभ सर्जरी है, जिसे डॉक्डरों ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अगर छह घंटे में कटे हाथ में खून की आपूर्ति नहीं होती तो सर्जरी फेल भी हो सकती थी।
अस्पताल के मुताबिक, हाथ की सर्जरी पूरी तरह से कामयाब रही है। फिलहाल पीड़ित को एंटीबॉटिक दी जा रही हैं। उम्मीद है अगले सप्ताह पीड़ित का अस्पताल में डिस्चार्ज कर दिया जाए।