Move to Jagran APP

पढ़िए- देश की सबसे सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री के बारे में, 12 साल से जारी है जांच; CBI भी रही फेल

Aarushi-Hemraj Murder Case 12 साल बाद भी करोड़ों भारतीयों के मन में एक ही सवाल कायम है कि आखिर 15 मई की रात को किसने मारा आरुषि तलवार को?

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 08:41 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 02:42 PM (IST)
पढ़िए- देश की सबसे सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री के बारे में, 12 साल से जारी है जांच; CBI भी रही फेल
पढ़िए- देश की सबसे सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री के बारे में, 12 साल से जारी है जांच; CBI भी रही फेल

नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। Aarushi-Hemraj Murder Case: देश के साथ पूरी दुनिया को भी हिलाकर रख देने वाला आरुषि-हेमराज मर्डर का राज 12 साल बाद भी अनसुलझा है। यह रहस्य अब भी कायम है कि आखिर 15-16 मई, 2008 की रात किसने पहले आरुषि और फिर हेमराज का बेरहमी से कत्ल कर दिया।

loksabha election banner

मां-बाप को निचली अदालत ने सुनवाई सजा, HC ने किया बरी

आरोपियों की फेहरिस्त में आरुषि की मां नूपुर तलवार और पिता राजेश तलवार भी थे, जिन्हें गाजियाबाद की विशेष सीबीआइ अदालत ने दोषी करार देते हुए वर्ष 2013 उम्र कैद की भी सजा सुनवाई। वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच में कई खामियों को जिक्र करते हुए आरुषि-हेमराज मर्डर में वर्ष, 2017 में राजेश और नूपुर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

15-16 मई की रात हुआ कत्ल, सुबह हुआ सनसनीखेज खुलासा

आरुषि के कत्ल का राज 16 मई, 2008 की सुबह उस समय खुला, जब घरेलू सहायिका काम के लिए पहुंची। घरेलू सहायिका जब आरुषि के कमरे में पहुंची तो उसका शव बेडरूम में पड़ा मिला। वह चीखती हुई राजेश-नूपुर के पास गई। इसके बाद मीडिया की खबरों में जानकारी सामने आई कि घरेलू सहायक हेमराज घर में आरुषि की हत्या करके नेपाल फरार हो गया है। 

हत्या का पहला शक हेमराज

घटनास्थल पर पहुंची नोएडा पुलिस को मां-बाप राजेश तलवार और नूपुर तलवार ने बताया कि उनका घरेलू सहायक हेमराज उनकी बेटी आरुषि तलवार की हत्या करके फरार हो गया है। राजेश-नूपुर दोनों ही नोएडा के जाने-माने दंत चिकित्सक हैं, इसलिए मामला सामने आते ही हाई प्रोफाइल हो गया। राजेश-नूपुर की जानकारी पर यकीन करते हुए नोएडा पुलिस की टीमें हेमराज की तलाश में नेपाल के लिए रवाना हो गईं।

24 घंटे के भीतर डबल मर्डर बन गया आरुषि की हत्या का केस

16 मई को जहां नोएडा पुलिस घरेलू सहायक हेमराज को कातिल मानकर जांच कर रही थी, ठीक 24 घंटे में L-32 जलवायु विहार नोएडा यानी राजेश-नूपुर के घर की छत पर हेमराज का शव मिला। फिर यह डबल मर्डर में तब्दील हो गया। इसी के साथ पूरी जांच की 360 डिग्री घूम गई। जिसे नोएडा कातिल समझ रही थी वह तो पीड़ित निकला था। इसी के साथ यह मामला देशभर की मीडिया में सामने आ चुका था। इसी के साथ नोएडा पुलिस भी घेरे में आ चुकी थी।

नोएडा पुलिस पर दबाव बहुत ज्यादा था और जांच के दौरान हत्या के 2 दिन बाद यानी 18 मई 2008 को पुलिस ने बताया कि हत्या सर्जिकल ब्लेड से की गई है और फिर मर्डर का शक आरुषि के माता-पिता राजेश-नूपुर पर चला गया। 23 मई, 2008 को नोएडा पुलिस ने आरुषि के पिता राजेश तलवार को डबल मर्डर में गिरफ्तार कर लिया गया।

तत्कालीन मायावती सरकार ने 1 जून 2008 को पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी। जांच की कड़ी में आरुषि और हेमराज के कत्ल में सीबीआइ ने राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया। फिर उन्हें संदेह के आधार पर छोड़ दिया गया। इसी तरह तीन घरेलू सहायकों को भी क्लीन चिट मिल गई। फिर 29 दिसंबर 2010 को सीबीआइ ने मामले में अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें नौकरों को क्लीन चिट दे दी।

मां-बाप बने आरोपी, फिर दोषी, मिली उम्रकैद की सजा

इसी के साथ सीबीआइ ने आरुषि का शक मां-बाप पर जताया। इसके बाद क्लोजर रिपोर्ट को ही चार्जशीट मानकर मुकदमा चला। फिर आरुषि मर्डर केस में 26 नवंबर 2013 को सीबीआइ कोर्ट ने नूपुर और राजेश तलवार को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी

आरुषि के माता-पिता खुद को बेगुनाह बताते हए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचे। 12 अक्टूबर, 2017 को हाई कोर्ट ने मामले में आरोपी तलवार दंपती को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इसी के साथ यह रहस्य अब भी कायम है कि आखिर 15-16 मई, 2008 की रात को किसने किया था आरुषि-हेमराज का मर्डर?

Aarushi Talwar Murder Case: 12 साल बाद आखिर क्या सोचता होगा आरुषि का हत्यारा, पढ़िए- यह स्टोरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.