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Jewar Inter National Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 6000 पेड़ों को काटा जाएगा

Jewar Inter National Airport छह हजार पेड़ों को काटा जाएगा लेकिन इन पेड़ों के कटने से हुई पर्यावरण की क्षति की भरपाई के लिए दस गुना पौधे लगाए जाएंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 11:53 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 11:53 AM (IST)
Jewar Inter National Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 6000 पेड़ों को काटा जाएगा
Jewar Inter National Airport: जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 6000 पेड़ों को काटा जाएगा

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। Jewar Inter National Airport: दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में बनने जा रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए छह हजार पेड़ों को काटा जाएगा। इन पेड़ों के कटने से हुई पर्यावरण की क्षति की भरपाई के लिए दस गुना पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण व उसकी देखभाल की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी। पौधारोपण यमुना प्राधिकरण क्षेत्र व वन विभाग की जमीन पर होगा। यमुना प्राधिकरण ने वन विभाग को करीब डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की गई है। इस जमीन पर लगे छह हजार पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग ने शर्तों के साथ दी है। हालांकि पेड़ों की कटाई का काम जेवर एयरपोर्ट की डीपीआर तैयार होने पर होगा। छह हजार पेड़ों के कटने से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। काटे जाने वाले पेड़ों के एवज में दस गुना यानि साठ हजार पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे तीस हेक्टेयर जमीन पर लगाए जाएंगे।

यमुना प्राधिकरण ने पौधारोपण के लिए जमीन चिन्हित की है। यह पौधे प्राधिकरण के हरित क्षेत्र में लगाए जाएंगे। इसके अलावा प्राधिकरण क्षेत्र में खाली पड़ी वन विभाग की जमीन पर भी पौधारोपण होगा। वन विभाग तीन साल तक पौधों की देखभाल भी करेगा।

डॉ. अरुणवीर सिंह (सीईओ यमुना प्राधिकरण व नियाल) के मुताबिक, वन विभाग ने जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिगृहीत जमीन पर लगे छह हजार पेड़ों को काटने की अनुमति प्रदान की है। पर्यावरण की क्षति की भरपाई के लिए दस गुना पौधे रोपे जाएंगे। इन पौधे की देखभाल की व्यवस्था भी की जाएगी।  

बीस हजार से अधिक पेड़ों की भेजी गई थी सूची

जेवर एयरपोर्ट के लिए पूर्व में 20038 पेड़ों को काटने की सूची तैयार कर वन विभाग को भेजी गई थी। वन विभाग ने जांच के बाद छह हजार पेड़ों को काटने की अनुमति शर्त के साथ दी है।

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