मल्टी प्वाइंट को खर्च किए 1.80 करोड़, छह महीने से कनेक्शन का इंतजार
अर्पित त्रिपाठी नोएडा प्रदेश भर की सोसायटियों में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन देने को बिजली नि
अर्पित त्रिपाठी, नोएडा :
प्रदेश भर की सोसायटियों में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन देने को बिजली नियामक आयोग के सभी दिशा-निर्देश स्पष्ट हैं, उसके बाद भी बिजली निगम की ओर से कनेक्शन नहीं दिया जा रहा हैं। सेक्टर 78 स्थित सिविटेक स्टेडिया सोसायटी ने मल्टी प्वाइंट कनेक्शन के लिए बिजली निगम के दिशा-निर्देश के तहत करीब छह महीने पहले एक करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचे में बदलाव किया था। वहीं फ्लैटों, कॉमन एरिया आदि की मीटर रीडिग व बिलिग के लिए 80 लाख रुपये का सॉफ्टवेयर लगवाया। नियम के मुताबिक बदलाव कराने के बाद भी छह महीने से बिजली निगम कनेक्शन को परिवर्तित करने की अनुमति नहीं दे रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह बिजली निगम स्मार्ट मीटर उपलब्धता न होना बता रहा है। बिल्डर और आरडब्ल्यूए का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में बिजली मुहैया करा रही नोएडा पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एनपीसीएल) अपने क्षेत्र में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन दे रहा है। तीन सोसायटी में कार्य पूरा भी हो गया है और चौथे पर कार्य शुरू हो गया है। नियामक आयोग के नियम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) व एनपीसीएल दोनों के लिए एक ही हैं तो फिर पीवीवीएनएल अपने क्षेत्र में मीटर क्यों नहीं लगा रहा है।
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कॉमन एरिया, लिफ्ट पर घरेलू दर होगी लागू
नियामक आयोग के तहत सोसायटी के कॉमन एरिया, लिफ्ट व पानी आपूर्ति पर घरेलू दर व पार्टी हॉल, क्लब, जिम, वाटर फाउंटेन पर कमर्शियल दरों पर बिल भरना होगा। वहीं मल्टी प्वाइंट कनेक्शन को प्रति फ्लैट अधिकतम 15 हजार रुपये (प्रीपेड मीटर) के लिए खर्च करना होगा। 51 फीसद निवासियों की सहमति के बाद 25 फीसद निवासियों द्वारा कनेक्शन शुल्क जमा करने के बाद ही मल्टी प्वाइंट की कार्रवाई शुरू होगी। कॉमन एरिया के लिए हर फ्लैट निवेशक को शुल्क देना होगा चाहे वह फ्लैट में वह रहता हो या नहीं। जिन सोसायटी में एक ही मीटर से बिजली व डीजी सेट की बिलिग होती है, वहां आइएस:13779 मार्का मीटर ही इस्तेमाल होंगे। जहां सिर्फ ग्रिड से आपूर्ति होती है वहां प्रीपेड मीटर या स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
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सोसायटी के कॉमन एरिया में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन के तहत ही बिजली आपूर्ति हो रही है। फ्लैटों में लगे डुअल मीटर का बिजली निगम के सिस्टम से एकीकरण नहीं हुआ है। तकनीकी पहलू पूर्ण होते ही फ्लैटों के कनेक्शन मल्टी प्वाइंट हो जाएंगे।
- जेके गुप्ता, अधीक्षण अभियंता