मोंटी चड्ढा की गिरफ्तारी से उड़ी हजारों निवेशकों की नीद
वेव ग्रुप के एमडी मोंटी चड्ढा की दिल्ली में गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही हजारों निवेशकों की नीद उड़ गई है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में वेव ग्रुप से संबंधित लगभग 500 से भी ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं जिन पर सुनवाई चल रही है। मोंटी की गिरफ्तारी के बाद निवेशकों की उम्मीदें और भी क्षीण हो गई हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : वेव ग्रुप के एमडी मोंटी चड्ढा की दिल्ली में गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही हजारों निवेशकों की नींद उड़ गई है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) में वेव ग्रुप से संबंधित लगभग 500 से भी ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। मोंटी की गिरफ्तारी के बाद निवेशकों की उम्मीदें और भी क्षीण हो गई हैं।
यूपी रेरा सूत्रों के मुताबिक वेव ग्रुप से संबंधित अब तक जितने भी मामलों में सुनवाई हुई है, उनमें से अधिकांश में बिल्डर प्रतिनिधि अनुपस्थित ही रहा है। उपस्थिति के दौरान भी बिल्डर पक्ष निवेशकों को कब्जे व रिफंड दिलाने को लेकर कोई ठोस योजना प्रस्तुत नहीं कर सका है। अब क्योंकि बिल्डर ही जेल में है तो वेव ग्रुप में फंसे निवेशकों की पूरी उम्मीदें रेरा पर आकर टिक गई हैं। उल्लेखनीय है कि वेव में फंसे ज्यादातर निवेशक यूपी रेरा में मामलों से संबंधित दस्तावेज जमा कर चुके हैं। फंसे हैं दो हजार से ज्यादा निवेशक :
मोंटी चड्ढा की अगुवाई वाले वेव ग्रुप की नोएडा व दादरी में कई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनमें मौजूदा समय में लगभग दो हजार से ज्यादा निवेशक फंसे हुए हैं। वेव ग्रुप की नींव मोंटी चड्ढा के पिता व शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा ने रखी थी। 2012 में पोंटी चड्ढा की हत्या के बाद मोंटी ने वेव ग्रुप की कमान संभाली, लेकिन दिल्ली एनसीआर में जगह-जगह निर्माणाधीन इस ग्रुप की बिल्डर परियोजनाएं रफ्तार नहीं पकड़ सकीं और इनमें फंसे निवेशक कोर्ट व फोरम की तरफ भागने लगे। इसी क्रम में यूपी रेरा में भी 500 से ज्यादा निवेशकों ने वेव ग्रुप के खिलाफ याचिका दायर कर न्याय की मांग की है।
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