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बिना फार्मासिस्ट धड़ल्ले से चल रहे मेडिकल स्टोर

जिले के अधिकांश मेडिकल स्टोर बगैर फार्मासिस्ट के ही संचालित किए जा रहे हैं। कई मेडिकल स्टोर तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने यहां फार्मासिस्ट की नियुक्ति तो दिखा रखी है, लेकिन वह कभी मौजूद नहीं मिलते हैं। इस प्रकार कई मेडिकल स्टोर पर अप्रशिक्षित लोग ही दवाएं देते हैं। ऐसे में डॉक्टर के द्धारा पर्चे पर लिखित दवाई मरीज को सही दवा नहीं मिल पाती। ऐसे मेडिकल स्टोर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 08:53 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 08:53 PM (IST)
बिना फार्मासिस्ट धड़ल्ले से चल रहे मेडिकल स्टोर
बिना फार्मासिस्ट धड़ल्ले से चल रहे मेडिकल स्टोर

जागरण संवाददाता, नोएडा : जिले के अधिकांश मेडिकल स्टोर बगैर फार्मासिस्ट के ही संचालित किए जा रहे हैं। कई मेडिकल स्टोर तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने यहां फार्मासिस्ट की नियुक्ति तो दिखा रखी है, लेकिन वह कभी मौजूद नहीं मिलते हैं। इस प्रकार कई मेडिकल स्टोर पर अप्रशिक्षित लोग ही दवाएं देते हैं। ऐसे में डॉक्टर के द्वारा पर्चे पर लिखित दवाई मरीज को सही दवा नहीं मिल पाती। ऐसे मेडिकल स्टोर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

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ड्रग अधिनियम के मुताबिक कोई भी मेडिकल स्टोर बगैर फार्मासिस्ट के नहीं चलाया जा सकता। नए लाइसेंस लेने के लिए तो सबसे पहले फार्मासिस्ट होने की जानकारी अनिवार्य रूप से दिए बगैर लाइसेंस ही जारी नहीं किया जाता। जिले में 50 फीसद से अधिक मेडिकल स्टोर ऐसे हैं, जिनके पास फार्मासिस्ट ही नहीं हैं। जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप खन्ना ने कहा ड्रग विभाग की ओर से सरकारें नियम कानून स्टोर संचालकों के खिलाफ बने है जबकि कोई भी बिना लाइसेंस दवा बेचने वाली आनलाइन कंपनी और डॉक्टरों से हिसाब नहीं लेना चाहता है। उन्होंने कहा कि इसका एक बेहतर विकल्प है कि सरकार एक मानक तय करे कि जो लोग 5-7 साल से अधिक समय से मेडिकल स्टोर चला रहे हैं और अब अनुभवी हो गए हैं, सरकार ऐसे सभी अनुभवी लोगों का परीक्षण लेकर व उन्हें कुछ माह का प्रशिक्षण लगे तो देकर एक सर्टीफिकेट जारी कर देना चाहिए। वहीं जिला औषधि निरीक्षक अखिलेश जैन ने बताया कि कोई भी मेडिकल स्टोर बगैर फार्मासिस्ट के नहीं चल सकता। इसके साथ ही अगर कोई मेडिकल स्टोर एंटी नारकोटिक्स व एंटी टीबी एवं एंटी बायोटिक्स दवाएं (जो कि शेड्यूल एच-1 में आती हैं) बगैर प्रेसिक्पशन व बगैर खरीद बिक्री का अलग रजिस्टर दुरुस्त किए बगैर बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहले भी एंटी नारकोटिक्स अभियान के तहत इस तरह की कार्रवाई करते रहे हैं। ड्रग विभाग जिले में दोबारा मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट की मौजूदगी की जांच करेगा। लगातार ड्रग विभाग को इस बात की शिकायत मिल रही है कि कई मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के धड़ल्ले से दवाएं दे रहे हैं।

एके जैन, ड्रग इंस्पेक्टर


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